कोटा. टैंकरों से की जा रही जलापूर्ति में अनियमितता व गंदे पानी की शिकायत के बाद शासन उप सचिव ने जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता को एपीओ कर दिया। मामले में लोगों की शिकायत के बाद रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर जिला कलक्टर से मिले और समस्या से अवगत करवाया। उन्होंने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर बताया कि नगर निगम कोटा दक्षिण के वार्ड 07, 08 एवं 29 में गत दिनों से टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है, लेकिन पानी पीने योग्य नहीं मिल रहा। पानी में कीड़े निकल रहे हैं। बदबू व गंदगी आ रही है। टैंकरों को दौलतगंज के एक हौद से भरकर भेजा जा रहा है।
इससे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा है। इस सम्बन्ध में विभाग के अधिशासी अभियन्ता को भी अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन समस्या दूर नहीं हुई। उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, वह वहीं डेरा डाल देंगे। वे वे बोरी बिस्तर साथ में लाए हैं। इस मौके पर जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता पीके बागला, अधिशासी अभियंता भारत भूषण मिगलानी समेत अन्य अभियंता मौजूद रहे। जिला कलक्टर से शिकायत के बाद उपशासन सचिव ने विभाग के अधीक्षण अभियंता को एपीओ कर दिया।
विभाग को दिए निर्देश, कमेटी का होगा गठन
उधर, शिकायत के बाद जिला कलक्टर ओपी बुनकर जलदाय विभाग के अधिकारियों व विधायक मदन दिलावर के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने टैंकरों से पेयजल सप्लाई की व्यवस्था को पारदर्शी करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। कार्यवाहक अधीक्षण अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग भारतभूषण मिगलानी ने बताया कि पेयजल टैंकरों से हो रही आपूर्ति को पारदर्शी बनाने एवं गुणात्मक सुधार के लिए विभाग को सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए। निर्देशानुसार अब टैंकरों में पेयजल सप्लाई के लिए विभाग के मुख्य जल उत्पादन केंद्र अकेलगढ़ पर स्थित केंद्र से ही पानी के टैंकरों को भरा जाएगा। टैंकरों से सप्लाई हो रहे पानी की हर दूसरे दिन सैम्पलिंग करवाई जाएगी।
प्रत्येक टैंकर पर जीपीएस सिस्टम स्थापित किया जाएगा, जिससे उसके आवागमन की मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
पानी सप्लाई की मात्रा और गुणवत्ता के सत्यापन के लिए जिला कलक्टर के निर्देश पर ग्राम वार पांच व्यक्तियों की समिति का गठन कर नियमित गुणवत्ता रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। आवश्यकता को देखते हुए टैंकरों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। टैंकरों के भुगतान के लिए जीपीएस रिपोर्ट तथा गठित समिति की प्राप्त रिपोर्ट एवं दस्तावेज के आधार पर ठेकेदार को भुगतान किया जाएगा।