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14 साल बाद फिर बदले पुनर्मतगणना में परिणाम, अभिभाषक परिषद 2018 की कार्यकारिणी सदस्य के लिए हुई पुनर्मतगणना

14 साल बाद फिर बदले पुनर्मतगणना में परिणाम कार्यकारिणी सदस्यों के लिए हुई पुन: मतगणना

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2018

कोटा .

अभिभाषक परिषद 2018 की कार्यकारिणी सदस्य के लिए बुधवार को हुई पुनर्मतगणना में न केवल याचिकाकर्ता वकील विजयी रहे वरन् एक सदस्य को छोड़कर शेष सभी सदस्यों के मतों में काफी अंतर आया। करीब 14 साल पहले भी इसी तरह से पुन: मतगणना में परिणाम बदले थे।

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कार्यकारिणी सदस्य पद के प्रत्याशी राधेश्याम गौड़ ने ट्रिव्यूनल में पुनर्मतगणना कराने की याचिका पेश की थी। इस पर सुनवाई के बाद ट्रिव्यूनल ने परिषद के मुख्य चुनाव अधिकारी को बुधवार शाम को पुन: मतगणना कराने के आदेश दिए थे। उसी की पालना में ट्रिव्यूनल के संयोजक हरीश चंद शर्मा और सदस्य जमील अहमद व नरेन्द्र कुमार गुप्ता की मौजूदगी में वरिष्ठ अधिवक्ता महेश शर्मा के नेतृत्व में 20 सदस्यीय वकीलों की नई टीम ने पुन: मतगणना की।

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महेश शर्मा ने बताया कि पुन: मतगणना के बाद कार्यकारिणी सदस्यों के मतों में काफी फेरबदल हुआ। याचिकाकर्ता राधेश्याम गौड़ विजयी घोषित हुए। उन्हें पहले जहां 551 मत बताकर पराजित कर दिया था लेकिन पुन: मतगणना में उनके 576 मत हो गए। 25 मत बढऩे से वे 9 स्थान के लिए चुने गए। जबकि पूर्व में 8 वें स्थान पर विजयी रहे मयंक नामा के 581 के स्थान पर 10 मत घटकर 571 रहने से वे हार गए। पूर्व में 9 वें स्थान पर रहे रामदयाल शर्मा अब 8 वें स्थान पर आ गए हैं।

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मनोज सुवालका व संगीता कुमारी को छोड़कर शेष सभी सदस्यों के मतों में अंतर आया। मयंक नामा समेत 3 सदस्यों के मत कम भी हुए।

इधर, गौड़ के विजयी होते ही निवर्तमान महासचिव महेश कुमार गौतम समेत कई वकीलों ने मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया।

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14 साल पहले भी हुआ था फेरबदल

14 साल पहले भी परिषद की कार्यकारिणी सदस्य में इसी तरह से फेरबदल हुआ था। वर्ष 2004 के लिए दिसम्बर 2003 में हुए चुनाव में सी.पी. राठौर को पराजित घोषित किया था। उन्होंने ट्रिव्यूनल में आपत्ति दर्ज करवाई जिसके बाद पुन: मतगणना में उन्हें विजयी घोषित किया गया था।