
28 माह बाद आरपीएस की पहली इकाई सिंक्रोनाइज, 11 मेगावाट उत्पादन
रावतभाटा. राणा प्रताप सागर पन बिजलीघर की पहली इकाई बुधवार को सिंक्रोनाइज हो गई। पन बिजलीघर की 43 मेगावाट क्षमता की पहली इकाई के सिंक्रोनाइज होने के साथ ही विद्युत उत्पादन शुरू हो गया। अभी यह इकाई 11 मेगावाट क्षमता पर चलाई जा रही है। अब इस इकाई में स्टेबिलिटी का दौर आ गया है। पैरामीटर सभी स्थाई हैं। सभी नॉर्मल हैं। यूनिट अच्छी चल रही है। इस इकाई से प्रतिदिन 10 करोड़. 32 लाख यूनिट बिजली बनेगी।
गौरतलब है कि 15 और 16 सितम्बर 2019 में चंबल नदी में भीषण जल विभीषिका के चलते राणा प्रताप सागर बांध के 17 गेट खुलने के बाद पानी पनबिजली घर में घुसने से जलमग्न हुए बिजली घर की चारों इकाइयां बंद हो गई थी। 43-43 मेगावाट की चार यूनिट के जलमग्न होने से इनका बिजली उत्पादन ठप हो गया था। पिछले 28 महीने से राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने इकाइयों के पुनरुत्थान के लिए एडी चोटी का जोर लगाकर इकाई को नया जीवनदान दे दिया।
1968 में बना था पन बिजली घर
चंबल नदी घाटी परियोजना में 1968 में राणा प्रताप सागर बांध के समीप राणा प्रताप सागर पन बिजली घर बनाया गया था। यहां 43-43 मेगावाट की 4 इकाइयां स्थापित की गई। इकाइयों के 49 साल में चंबल नदी में उफान के चलते चारों इकाई ठप हो गई। इन इकाइयों में से पहली इकाई को बुधवार को सिंक्रोनाइज कर विद्युत उत्पादन शुरू कर दिया। इस पन बिजली घर से प्रदेश में सबसे सस्ती बिजली का उत्पादन होता है। यही नहीं जब कभी उत्तरी ग्रिड फेल हो जाता है तो इमरजेंसी में यही पन बिजलीघर उसे रिचार्ज करता है। राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आर.के. शर्मा ने बताया कि हमने चारों इकाइयों के पुनरुत्थान योजना को एक चैलेंज के रूप में स्वीकार किया था। अब तक इन चारों इकाइयों से 2365 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन हो चुका था। टीम भावना से काम करते हुए तकनीकी जटिलताओं का समाधान करते हुए तय समय से पहले ही पहली यूनिट को सिंक्रोनाइज कर दिया।
जीर्णोद्धार के लिए 225 करोड़ के प्रस्ताव
राणा प्रताप सागर बिजली घर कि 50 साल पुरानी इकाइयों के जीर्णोद्धार के लिए 225 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाया गया था। यह प्रस्ताव सरकार को भेजा गया। सरकार के मंजूर करने पर चारों इकाइयों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसमें पुरानी हो चुकी मशीनों को बदलने का प्रस्ताव है।
8 माह से जारी था मरम्मत का कार्य
राणा प्रताप सागर पन बिजलीघर के अधिशासी अभियंता आशीष जैन ने बताया कि इस इकाई की मरम्मत का कार्य अध्यक्ष के दिशा निर्देश में मई से शुरू हुआ था। लगभग 8 माह की कड़ी मेहनत के बाद इस इकाई से उत्पादन शुरू हुआ है। इस इकाई का कार्य एमआरटीजी हैदराबाद और कोटा के पंजाब इंजीनियरिंग वक्र्स की ओर से एवं पन बिजलीघर की टीम द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया यूनिट 4 को चलाने की स्थिति में आ गए हैं, यह इकाई अभी मैकेनिकल रोल पर चल रही है। निर्धारित मापदंड प्राप्त होते ही सिंक्रोनाइज कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया यार्ड, टरबाइन, जनरेटर के अन्य कार्य स्विच यार्ड के कार्य स्थानीय स्तर पर न्यूनतम खर्च पर करवाए गए हैं।
Published on:
30 Dec 2021 12:41 am
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