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कोटा . जेल में तलाशी के दौरान मोबाइल मिलने का सिलसिला अभी भी जारी है। गुरुवार रात तलाशी के दौरान एक और मोबाइल बरामद हुआ। जेल में चैकिंग के लिए बॉडी स्कैनर नहीं होने का अपराधी फायदा उठाकर शरीर के भीतरी अंगों में मोबाइल व आपत्तिजनक सामग्री छिपाकर अंदर ले जा रहे हैं। इसका जेल प्रशासन को पता भी नहीं चलता।
डीजीपी जेल भूपेन्द्रसिंह यादव के पिछले दिनों दिए गए मोबाइल फ्री जेल के आदेश की पालना में तलाशी के दौरान जेलों से लगातार मोबाइल मिल रहे हैं।
करीब 1500 बंदियों वाली कोटा जेल में ही डेढ़ माह में अब तक 12 मोबाइल और 9 चार्जर मिल चुके हैं। जेल प्रशासन की ओर से गुरुवार रात की गई तलाशी में पेड़ की जड़ में छिपाकर रखा गया एक मोबाइल बरामद हुआ। इससे पहले बैरकों की दीवार, जमीन और शौचालयों में छिपाकर रखे गए मोबाइल बरामद हो चुके हैं।
जेल सूत्रों के अनुसार किसी भी अपराधी के जेल में दाखिल होने से पहले उसकी तीन बार चैकिंग की जाती है। पहली बार मुख्य द्वार पर और दो बार जेल परिसर में अंदर। इसके बावजूद भी अधिकतर आपत्तिजनक सामग्री अपराधी शरीर के भीतरी अंगों में छिपाकर ले जाते हैं, जिसे जेल प्रशासन पकड़ ही नहीं पाता। इसका कारण संभाग स्तर की जेल होने के बावजूद यहां बॉडी स्केनर का नहीं होना है।
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डीप सर्च से तलाश रहे मोबाइल
जेल सूत्रों के अनुसार जेल में जमीन व दीवारों में छिपाकर रखे गए मोबाइल का पता डीप सर्च मशीन से लगाया जा रहा है। यह मशीन जमीन में छिपाकर रखे गए किसी भी सामान के बारे में बता सकती है, जबकि एक और मशीन होती है जो काफी गहराई तक छिपाकर रखी गई वस्तु का भी पता लगा सकती है, वह अभी कोटा जेल में नहीं है।
इस काम आता है बॉडी स्कैनर
जिस तरह से एक्सरे मशीन से शरीर के अंदर की हर चीज का पता लगाया जा सकता है। उसी तरह से बॉडी स्कैनर से शरीर के अंदर छिपाकर ले जाई जानी वाली हर चीज का पता लगाया जा सकता है। अपराधी को बॉडी स्कैनर मशीन से गुजारने पर वह आवाज करने लगता है। इससे उसके शरीर के किसी वस्तु के छिपी होने का पता चलता है।
प्रस्ताव भेजा
जेल में बॉडी स्कैनर की बहुत जरूरत है। उसके अभाव में शरीर में छिपाकर ले जाने वाली वस्तु का पता लगा पाना संभव नहीं है। बॉडी स्कैनर के लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेज रखा है। गुरुवार रात तलाशी में बिना सिम का एक मोबाइल पेड़ की जड़ में छिपाकर रखा हुआ बरामद किया गया।
-सुधीरप्रकाश पूनिया, अधीक्षक जेल
50 से अधिक मोबाइल बरामद
उदयपुर , कोटा व अजमेर जेलों में अब तक 50 से अधिक मोबाइल बरामद किए हैं। जेल में मोबाइल तलाशना बड़ी चुनौती है। जेलों को मोबाइल फ्री करने के प्रयास जारी हैं। कोटा जेल में बॉडी स्कैनर या अन्य संसाधनों की कमी है तो उन्हें जल्दी ही पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
-प्रीता भार्गव, डीआईजी जेल
Published on:
12 May 2018 01:32 pm
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