Education Minister Madan Dilawar: गर्मी में पसीना आता है, बरसात में भीग जाते हैं, सर्दी में कांपते हैं… टीनशेड के नीचे कब तक पढ़ें, दिलावर अंकल… हम टीनशेड में बैठकर पढ़ते हैं, न बिजली है, न पंखे। पानी की बोतल पास के घरों से भरकर लाते हैं। बारिश के दिन छुट्टी करनी पड़ती है। गर्मी में बेहाल हो जाते हैं और बैठने की जगह भी नहीं होती। स्कूल में स्थायी शिक्षक नहीं हैं, केवल अस्थायी शिक्षक ही पढ़ाने आते हैं।
यह पीड़ा है वार्ड नंबर 33 स्थित एक अस्थायी विद्यालय के बच्चों की। जिन्होंने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को पत्र लिखकर नए स्कूल भवन की मांग की है। बच्चों ने यह पत्र पूरी मासूमियत और भावनात्मक शब्दों में लिखा है, जो व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है।
यह विद्यालय क्षेत्र में अजय आहूजा स्कूल के नाम से जाना जाता है, लेकिन स्कूल का अपना भवन ही नहीं है। कई वर्षों से यह स्कूल कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) के एक कियोस्क में संचालित हो रहा है। बच्चों ने अपील की है कि पास की खाली पड़ी जमीन पर स्कूल भवन बना दिया जाए और स्थायी शिक्षक नियुक्त किए जाएं ताकि वे भी सम्मानजनक माहौल में शिक्षा प्राप्त कर सकें।
सांवला, छात्र: स्कूल बिजली-पानी व कमरा भी नहीं है। बिजली नहीं होने से गर्मी में काफी दिक्कत होती है।
सीमा, छात्रा: स्कूल का नया सत्र शुरू हुआ है। स्कूल में बिजली-पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। हम खुद पानी लेकर आते है।
अलीशा, छात्रा: हम बरड़ा बस्ती से पैदल चलकर स्कूल में पढ़ने के लिए आते है। स्कूल का भवन नहीं है। कियोस्क में पढ़ते है।
बबली, छात्रा: मैं पहले भी इसी स्कूल में पढ़ने आती थी, लेकिन यहां सुविधा कुछ भी नहीं है। स्कूल का नया भवन बनना चाहिए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल की यह हालत कई वर्षों से है, लेकिन आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ। अब बच्चों की यह भावनात्मक अपील शिक्षा मंत्री तक पहुंचेगी तो शायद व्यवस्था जागे और बच्चों को उनका हक मिल सके। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में 70 बच्चों का नामांकन है। पार्षद कमल कांत के सहयोग से यहां टीनशेड लगवा दिए गए है। जिससे बच्चे बैठ भी पा रहे है। कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा को भी स्कूल के लिए जमीन आवंटन व नए भवन बनाने को लिखित में दे चुके है।
Updated on:
05 Jul 2025 02:09 pm
Published on:
05 Jul 2025 02:08 pm