
JEE Main : ..आगाज आसान हुआ किंतु अंजाम कठिन रहा
कोटा. नेशनल टेसिं्टग एजेंसी द्वारा पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर हुई ऑनलाइन जेईई मेन की परीक्षा शनिवार को समाप्त हो गई है। पेपर का विश्लेषण करते हुए कॅरियर पॉइंट के अकादमिक निदेशक शैलेंद्र माहेश्वरी बताते है कि 9 जनवरी के प्रात: कालीन प्रश्न पत्र को छोड़ दिया जाए तो बचे हुए अन्य सभी प्रश्न पत्र सामान्य स्तर के रहे। एक और पहलू यह भी रहा कि प्रत्येक शिफ्ट के प्रश्न पत्रों का स्तर विषय के सापेक्ष भी और कठिनाई की दृष्टि से भी निरंतर बदलता रहा। किसी प्रश्न पत्र में फिजिक्स का स्तर अधिक था तो केमिस्ट्री एवं मैथ्स सामान्य स्तर के रहे। और किसी और प्रश्न पत्र में तीनों ही कठिनाई लिए हुए थे। प्रश्न पत्रों की लंबाई भी अपने आप में परेशानी का सबब बनी। विद्यार्थियों से बातचीत करने पर ज्ञात हुआ कि कई विद्यार्थी प्रश्न पत्र को पूरा अटैम्ट करने में असमर्थ रहे। शैलेंद्र माहेश्वरी के अनुसार, जेईई मेन विशिष्ट सिलेबस से सभी विषयों में निरंतर प्रश्न पूछे गए जो यह सिद्ध करता है कि विद्यार्थी इस परीक्षा को हल्के में ना लें। जेईई मेन अपने आप में एक अलग प्रकार की प्रवेश परीक्षा हैं। और इसके लिए विशेष तैयारी की भी आवश्यकता है।
विश्लेषण: भौतिक विज्ञान
9 जनवरी प्रात: कालीन सत्र के पेपर को छोड़ दिया जाए तो बचे हुए सभी प्रश्न पत्र सामान्य रहे। शैलेंद्र माहेश्वरी के अनुसार, मैग्नेटिक फील्ड, मॉडर्न फिजिक्स और मैकेनिक्स महत्वपूर्ण रहे। भौतिक विज्ञान के प्रश्न पत्रों में 3 ÓमÓ बाजी मार गए। जिन विद्यार्थियों की मैकेनिक्स, मॉडर्न फिजिक्स तथा मैग्नेटिक फील्ड पर पकड़ थी वे विद्यार्थी सापेक्ष तौर पर अधिक सफल रहे। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह रहा की जेईई मेन विशिष्ट टॉपिक्स ने न केवल अपने अस्तित्व को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया कि इन पर पकड़ बनाए बिना बेहतर प्रदर्शन संभव नहीं है। अर्धचालक एवं अर्धचालक युक्तियां, विद्युत चुंबकीय तरंगे, तथा संचार के साधन ऐसे टॉपिक्स थे,जिन से निरंतर प्रश्न आते रहे। ज्ञात रहे कि यह सभी टॉपिक्स सिर्फ और सिर्फ जेईई मेंस के सिलेबस में है एडवांस में नहीं।
विश्लेषण: रसायन विज्ञान
केमिस्ट्री को वस्तुत: तीन भागों में विभाजित किया जाता है। फिजिकल केमिस्ट्री, इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री तथा ऑर्गेनिक केमिस्ट्री। केमिस्ट्री के प्रश्नपत्रों पर यदि गौर किया जाए तो एक बात स्पष्ट हो जाती है कि यदि विद्यार्थी ने संतुलित पढ़ाई नहीं की है तो वह सफल नहीं हो सकता, क्योंकि प्रश्न पत्रों में कभी इनऑर्गेनिक का पलड़ा भारी रहा तो कभी फिजिकल का और कभी ऑर्गेनिक का।
जेईई मैंस विशिष्ट सिलेबस से संबंधित बायो मॉलिक्यूल एनवायरमेंटल केमेस्ट्री तथा केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ ने उन सभी विद्यार्थियों की अच्छी परीक्षा ली जो इन्हें सहज मानकर छोड़ देते हैं। ऑर्गेनिक केमेस्ट्री तथा फिजिकल केमिस्ट्री के स्तरीय प्रश्न पूछे गए। ऑर्गेनिक केमिस्ट्री से रिएक्शन तथा रिएक्शन मेकैनिज्म से संबंधित प्रश्न स्तरीय रहे।
विश्लेषण: गणित
निर्देशांक ज्यामिति, सदिश तथा त्रिविमीय ज्यामिति तथा बीज गणित ने सभी प्रश्न पत्र में अपना दबदबा कायम रखा। फिर से घूम कर महत्वपूर्ण तथ्यों की सुई जेईई मेंस विशिष्ट सिलेबस पर आ टिकी। 4 दिन तक दो शिफ्ट में चलने वाले जेईई मेेन गणित के सभी प्रश्न पत्रों में मैथमेटिकल रीजनिंग स्टैटिसटिक्स तथा सेट एवं रिलेशन टॉपिक से निरंतर प्रश्न पूछे गए। निश्चित तौर पर यह प्रश्न विद्यार्थियों के लिए सफलता में निर्णायक भी सिद्ध होंगे। 10 व 11 जनवरी के सुबह के सत्र के पेपर गत वर्ष की तुलना में कठिन रहा। कक्षा 11 व 12 का वेटेज लगभग बराबर रहा। 9 जनवरी व 12 जनवरी के सुबह के सत्र के पेपर तुलनात्मक रूप से आसान रहे।
Published on:
12 Jan 2019 09:28 pm
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