
दलदल में फंसे बच्चों को निकालते लोग (फोटो-पत्रिका)
रामगंजमंडी (कोटा)। कोटा स्टोन औद्योगिक क्षेत्र स्थित कुदायला गांव के पास एक खेत में संग्रहित गीली पॉलिश में शनिवार दोपहर तीन बच्चे फंस गए। मजदूरों व फैक्ट्री में कार्य करने वाले कर्मचारियों की सूझबूझ से इन्हें बचाया गया। सूखी पालिश पर खड़े रहकर लोगों ने साड़ियों की सहायता से बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।
औद्योगिक क्षेत्र में पत्थर की प्रोसेसिंग के दौरान निकलने वाले वेस्टेज पॉलिश को संग्रहित कर सूखने पर उसे बेचा जाता है। क्षेत्र में ऐसी करीब सौ बीघा जमीन पर अलग-अलग हिस्से में यह निजी पॉलिश संग्रहण केंद्र बने हुए हैं।
पॉलिश में फंसने वाले तीनों बच्चे पॉलिश फैक्ट्री में कार्य करने वाले मजदूरों के हैं। खेलते-खेलते बच्चे पॉलिश के दलदल तक पहुंच गए। जहां पॉलिश सूखी हुई थी वहां उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन फैक्ट्री से निकलने वाली गीली पॉलिश तक वे पहुंचे तो उसमें धंसने लगे। बच्चों के रोने की आवाज सुनकर आसपास फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर व मुंशी बच्चों को पॉलिश से निकालने के लिए दौड़े। आनन-फानन साड़ियों की मदद से बच्चों को खींचकर बाहर निकाला गया।
पहले फैक्ट्री से निकलने वाली पॉलिश को डंपिंग यार्ड में खाली किया जाता था। लेकिन जब ये डंपिंग स्थल पूरी तरह भरने लगे, तो पॉलिश और वेस्टेज की कतरनों के निस्तारण की समस्या खड़ी हो गई। जगह की कमी के कारण कई बार मजबूरी में गीली पॉलिश को आम रास्तों पर फेंकने तक की घटनाएं सामने आईं। पॉलिश को पूरी तरह सूखने में लगभग दो से तीन दिन का समय लगता है, जिससे आसपास गंदगी और आवागमन में परेशानी होती थी।
अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। जब से सीमेंट फैक्ट्रियों में पॉलिश का उपयोग शुरू हुआ है, तब से इसे सुखाने के लिए लोग किराए पर खेत लेने लगे हैं। इन खेतों में पॉलिश को खाली किया जाता है और सूखने के बाद उसे वाहनों में भरकर सीमेंट फैक्ट्रियों को बेचने के लिए भेजा जाता है। सीमेंट फैक्ट्रियां इसका भुगतान टन के हिसाब से करती हैं। इसके अलावा, मकान निर्माण कार्यों में भी इस पॉलिश का उपयोग भराव सामग्री के रूप में किया जा रहा है, जिससे यह अब एक उपयोगी संसाधन बन गई है।
Updated on:
27 Dec 2025 08:45 pm
Published on:
27 Dec 2025 08:33 pm
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