24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पिकनिक मनाने पाड़ाझर महादेव या कालाखेत जा रहे हैं तो हो जाएं सतर्क, रास्ते में मिलेगी यह आफत….

अधूरा है पाडाझर माताजी पुलिया का निर्माण, मनाही के बाद भी निकल रहे हैं भारी वाहन, हादसे की बनी रहती है आशंका...

2 min read
Google source verification
Rawatbhata

पाडाझर माताजी पुलिया

कोटा. रावतभाटा. झमाझम बारिश होने के बाद सुहावने मौसम में अगर पिकनिक स्थलों के लिए जाना जाने वाला रावतभाटा जाने का मूड है तो सोच समझ कर जाइयेगा। चूलिया फाल, कालाखेत, पाडाझर महादेव, पाडाझर माताजी सहित पिकनिक स्थलों पर पहुंचे के लिए थोड़ा सावधान होकर जाएं। जी हां, यहां निर्माणाधीन पुलिया का काम अभी अधूरा है। और इससे बड़े वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई। ऐसे में हादसे के अंदेशे से इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिया को नुकसान हुआ तो आठ गांवों का संपर्क टूट सकता है।

लुहारिया पंचायत के सरपंच कामड़ मेघवाल ने बताया कि इस पुलिया का निर्माण आठ गांवों को जोडऩे के लिए हुआ है। पंचायत की ओर से 13 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। कार्य नरेगा के तहत करीब एक माह से चल रहा है। पुलिया पांच पिल्लरों पर खड़ी की जा रही है। इसकी चौड़ाई 24 फीट व लम्बाई 150 फीट है। पुलिया के बीच के हिस्से का प्लास्तर कर दिया है। ऊपर से दोनों तरफ साइडों पर कंकरीट कर प्लास्टर करना बाकी है। दो दिन पहले पुलिया के एक तरफ कंकरोटी बिछाई थी। इस दौरान तेज बारिश आ गई तो निर्माण कार्य बंद कर दिया। तेज बारिश में कंकरीट भी बह गई। पुलिया को इस कारण खुला रखा कि ग्रामीणों का संपर्क नहीं टूटे। पैदल और छोटे दोपहिया वाहनों से आवाजाही बनी रहे। निर्माण अधूरा होने के कारण चौपहिया वाहनों की आवाजाही मना है, लेकिन, फिर भी पुलिया से प्रतिदिन काफी लोग अपने चौपहिया वाहनों से पिकनिक मनाने जा रहे हैं। रविवार को मौसम सुहाना होने के कारण पुलिया से करीब 20 से 30 जीप, कारें भी निकली। यही नहीं, बसें भी गुजरने लगी। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

Rread more : लोग गुस्से से उबले, मटकियां फोड़ी, चौकी घेर मांगा पानी....

यहां जाते हैं पिकनिक मनाने

पुलिया से लोग कालाखेत, पाडाझर महादेव, पाडाझर माताजी पिकनिक मनाने जाते हैं। अवकाश के दिन दो हजार से ज्यादा लोग पिकनिक मनाने जाते हैं। इसमें अन्य दिनों पिकनिक मनाने जाने वाले लोगों की संख्या भी शामिल कर दी जाए तो यह काफी बढ़ जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि करीब दो साल पहले बारिश के दिनों में काफी लोग पिकनिक मनाने आए थे। तेज बारिश में पुलिया पर पानी की चादर चलने लगी थी। पिकनिक मनाने गए लोग गांवों में फंस गए। उन्हें दो दिन गांवों में रहना पड़ा।


Read more : International Tiger Day 2019: टाइगर का दूसरा नाम ही खुद्दारी, दोस्ती से लेकर दुशमनी तक अपने दम पर निभाते हैं...

इन गांवों को जोड़ती पुलिया

यह पुलिया सोठाला, बागपुर, लुहारिया, मोरटूका हथौली, काला खेत, रतनपुरा, मंडेसरा गांवों को जोड़ती है। इन गांवों की आबादी 8 हजार से ज्यादा है।

Read mroe : पिकनिक स्थलों पर उमड़ी भीड़ ...देखिए तस्वीरें....

झांसा देकर निकलते हैं

समर ब्रिज के पास वन चौकी बनी है। यहां पर रसीद कटवाने व रजिस्टर में इंद्राज करने के बाद ही वाहनों की आवाजाही रहती है। उन्हें पाडाझर माताजी की पुलिया जाने के लिए मना किया जाता है। लेकिन वे चूलिया फाल या आगे जाने की कहकर आ जाते हैं।