
कोटा . लाडपुरा विधायक भवानीसिंह राजावत के किसानों की वीसीआर भरने वाले विद्युत कर्मचारियों को पेड़ से बांधने के बयान पर बखेड़ा खड़ा हो गया है। विद्युत निगम के जोनल मुख्य अभियंता बीएल पचेरवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधायक राजावत के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने राजावत का नाम लिए बगैर इस तरह के बयान नहीं देने की नसीहत दे डाली। उन्होंने विधायक को हिदायत भी दी कि 'वे अपनी बात संयमित भाषा में ही कहें।
प्रेस कॉन्फ्रेंस पर राजावत ने कहा कि 'पचेरवाल अपनी औकात में रहें। मुझे चुनौती देकर गंभीर अपराध किया है। राजावत के इस बयान पर सियासत तेज हो गई है। इस मामले में विधायक संदी शर्मा ने कहा, राजावत ने वीसीआर भरने वाले विद्युत कर्मचारियों को पेड़ से बांधने का बयान किस संबंध में दिया, जानकारी नहीं लेकिन जोनल अभियंता को बयान पर यूं टिप्पणी करना शोभा नहीं देता। वहीं, विधायक चंद्रकांता मेघवाल का कहना है, जोनल मुख्य अभियंता को विधायक के बयान पर सार्वजनिक बयान देना उचित नहीं। मुख्य अभियंता को आपत्ति थी तो सरकार के समक्ष अपनी बात रखते।
कोटा में पहली बार किसी संभाग स्तर के अधिकारी ने विधायक के खिलाफ मीडिया में मोर्चा खोला है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पचेरवाल ने कहा, 'अगर विद्युत निगम के किसी भी अधिकारी, कर्मचारी के साथ कहीं भी बदसलूकी हुई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने राजावत का नाम लिए बगैर इस तरह के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। कहा कि 'गलत शब्दों का इस्तेमाल किया गया है...। पचेरवाल ने मीडिया को खुद के दस्तखतशुदा और पद मुहर लगा पत्र भी सौंपा।
राजावत का बयान अनुचित
जसराज मीणा, एसई, जेवीवीएनएल के एसई जयराज मीणा ने कहा, राजावत ने राजनीतिक दृष्टि से बयान दिया है। सरकारी कर्मचारी जनता का काम करता है। विधायक का यह बयान प्रोपोगेंडा खड़ा करने वाला है, जो उचित नहीं है। ऐसी बयानबाजी से कर्मचारी, अधिकारी का मनोबल गिरता है। राजावत शीर्ष विधायक हैं। उन्हें इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए थी।
जनता को भड़काना गलत
कोटा वृत जयपुर विद्युत वितरण श्रमिक संघ के महामंत्री कपिल मालव ने कहा, अगर फील्ड में कर्मचारी के साथ दुव्र्यवहार होता है तो वह कैसे काम करेगा। मार्च का महीना अलग है। टारगेट पूरा नहीं करने पर चार्जशीट दी जा रही है। सैलेरी रोकी जा रही है। ऐसे में कर्मचारी कैसे काम करेगा। कमरे में बंद करना, पेड़ से बांधना जैसे बयान देकर जनता को भड़काना गलत है। ये वरिष्ठ जनप्रतिनिधि हैं, सरकार के प्रतिनिधि हैं। उन्हें ऐसे बयान नहीं देना चाहिए।
Published on:
06 Mar 2018 10:17 am
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