आरोपी की पत्नी यानी पीडि़ता की भाभी को एक वर्ष की पाबंदी पर छोड़ा गया है, जबकि महिला चिकित्सक सहित पांच आरोपियों को बरी कर दिया गया है। प्रकरण के अनुसार 23 अक्टूबर 2018 को मानव तस्करी यूनिट कोटा की उप निरीक्षक को कोटा में 15 वर्षीय पीडि़ता ने बयान दिए थे कि वह अपने बड़े पापा के लड़के, भाभी व उनके दो बेटों के साथ घर पर कोटा ग्रामीण के एक थाना क्षेत्र में रह रही थी।
एक दिन घर पर अकेली थी, तब भाई ने मुझे जबरदस्ती कमरे में बंद कर लिया और मेरे साथ बलात्कार किया। कोटा के एक अस्पताल में गर्भपात के लिए लाया गया। मामले में कैथून पुलिस ने जांच के बाद पीडि़ता के चचेरे भाई, भाभी, गर्भपात करने वाली महिला चिकित्सक व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।