
कोटा.
अगर आप राजस्थान में निजी बसों के जरिए किसी अन्य शहर की यात्रा करने की सोच रहे हैं तो पहले यह खबर पढ़ लें। क्योंकि राजस्थान में 22 जुलाई को निजी बसों का संचालन नहीं होगा। पूरे प्रदेश में निजी बस संचालकों ने 22 जुलाई को हड़ताल (Private Bus strike ) रहेगी। हड़ताल के दौरान अन्य शहरों तक यात्रा करने वालों को असुविधा हो सकती है। असुविधा से बचने के लिए यात्री पहले से ही अपनी अन्य व्यवस्था कर लें।
दरअसल में निजी बस संचालक 22 जुलाई को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे। कोटा संभाग समेत प्रदेश भर में गुरुवार को निजी बसें नहीं चलेंगी।
बस मालिक संघ के अध्यक्ष एवं बस ऑनर एसोसिएशन राजस्थान के महासचिव सत्यनारायण साहू ने बताया कि बस मालिकों की विभिन्न मांगों को लेकर सांकेतिक तौर पर हड़ताल (Private Bus strike ) रखी जाएगी। कोरोना महामारी व लॉकडाउन के कारण बस मालिकों की आर्थिक रूप से कमर टूट गई है। परिवहन मंत्री व आयुक्त को बस ऑपरेटर की समस्याओं से अवगत करवा दिया गया है, लेकिन सरकार हमारी मांगों को नजर अंदाज कर रही है। साहू ने बताया कि बस ऑपरेटरों कर चार मांगे हैं। सरकार हमारा एक वर्ष का टैक्स माफ करे। पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों को देखते हुए किराए में 40 प्रतिशत वृद्धि की जाए। बसों को सीएनजी में परिवर्तन करवाने के लिए सरकार बिना ब्याज 3 लाख रुपए ऋण दे।
साहू ने बताया कि सांकेतिक हड़ताल के बाद भी सरकार नहीं सुनती है तो बस मालिकों की जयपुर में बैठक आयोजित कर अनिश्चितकालीन हड़ताल (Private Bus strike ) की जाएगी। कोटा मिनी बस मालिक संघ मोहम्मद जर्रार ने भी मांगों को वाजिब ठहराते हुए शहर में हड़ताल का समर्थन किया है।
ट्रेवल्स एजेंसी के अध्यक्ष अशोक चांदना, संयोजक मोहम्मद अकील पठान, महासचिव विजेन्द्र कुमार बाबू भाई ने बताया कि डीजल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए हैं, लेकिन किराए में वृद्धि नहीं हो रही है। कोरोना के भय में बसें खाली जा रहीं है, बस मालिकों के खस्ता हाल हैं। उन्होंने बताया कि एक बस पर 8-9 परिवारों का खर्चा चलता है। प्रदेश में 29 हजार व कोटा में 750 निजी बसों का संचालन हो रहा है। सरकार हमारी मांगों पर विचार करें।
Published on:
19 Jul 2021 06:19 pm
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