विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश जैन ने बताया कि 16 मई 2016 को पीड़िता ने कोटा ग्रामीण पुलिस अधीक्षक के समक्ष इस्तगासा पेश किया। जिसमें उसने बताया कि 4 मई 2016 को उसकी उसके पति से आपसी कहासुनी हो गई थी। इस कारण वह पुत्र को साथ लेकर बिना बताए पीहर जाने के लिए कोटा जाने वाली बस के इंतजार में खड़ी थी।
बाइक पर किया अपहरण इसी दौरान एक लाल रंग की बाइक लेकर परलिया की झौंपडि़यां निवासी पप्पूलाल उर्फ पप्पू लश्करी और कैथून के मोतीपुरा के चरण चौकी निवासी पप्पू ओढ़ आए और आसपास किसी के नहीं होने का फायदा उठाते हुए उसके मुंह में रूमाल ठूंस कर उसे और उसके डेढ़ वर्षीय पुत्र को जबरन बाइक पर बीच में बैठा लिया और पास के खेत में ले गए और उसके बेटे को जान से मारने की धमकी देकर दोनों ने उससे सामूहिक बलात्कार किया।
झौंपडी में कैद कर किया यौन शोषण इसके बाद दोनों वापस उसे जबरन बाइक पर बीच में बैठा कर परलियािस्थत पप्पू लश्करी की झौंपडी में ले गए और वहां बंद कर दिया। जहां वे उससे बार-बार यौन शोषण करते रहे। इस मामले में 6 मई 2016 को उसके हाथ मोबाइल लग गया और उसने पति को पूरी घटना की जानकारी दी। इस पर पति पुलिस लेकर मौके पर पहुंचा और उसे आजाद करवाया। इस मामले में कैथून पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया।
13 गवाह, 21 दस्तावेज किए प्रस्तुत मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रकरण में 13 गवाहों के बयान करवाए गए और 21 दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। इस मामले में न्यायालय ने दोनों आरोपियों को 20 वर्ष के कठोर कारावास व 50 रुपए अर्थदंड से दंडित किया।