
कोटा .
तलवंडी स्थित एक निजी अस्पताल में आठ माह के बालक के इलाज में लापरवाही बरतने का अरोप लगाते हुए परिजनों जवाहर नगर थाने में अस्पताल निदेशक समेत दो चिकित्सकों के खिलाफ परिवाद दिया है।
परिजनों का कहना है कि जांच में नर्व डेमेज होना आने के बाद भी सामान्य उपचार किया गया इससे बच्चा पैरेलिसिस का शिकार हो गया। बच्चे के परिजन यूसुफ कुरैशी ने बताया कि उनके छोटे भाई शब्बीर कुरैशी का आठ माह का पुत्र कामिल घर पर 28 दिसम्बर को वॉकर से गिर गया था। उसके पैर और कंधे में चोट आई। परिजनों ने तलवंडी स्थित एक निजी चिकित्सालय में डॉ. गिरीश खंडेलवाल को दिखाया। उन्होंने सीटी स्कैन कराई।
परिजनों का आरोप है कि खंडेलवाल ने रिपोर्ट नॉर्मल बताते हुए सामान्य इलाज किया। बच्चे के शरीर में पेरेलिसिस के लक्षण होने पर परिजनों ने अस्पताल में ही नियुक्त न्यूरो फिजिशियन डॉ. अमित देव को दिखाया। उन्होंने सीटी स्कैन रिपोर्ट देख नर्व डेमेज होना बताया। इलाज में लापरवाही की जानकारी मिलने पर परिजनों में आक्रोश व्याप्त हो गया। परिजनों ने अस्पताल निदेशक व डॉ. खंडेलवाल के खिलाफ जवाहरनगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।
जवाहर नगर थानाधिकारी नीरज गुप्ता का कहना है कि बच्चे के परिजनों की तरफ से अस्पताल के निदेशक डॉ. आरके अग्रवाल व डॉ. गिरीश खण्डेलवाल के खिलाफ परिवाद मिला है। जांच की जा रही है।
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जांच के आधार पर ही इलाज
सुधा अस्पताल निदेशक डॉ. आरके अग्रवाल का कहना है कि रोगी की स्थिति को देखते हुए इलाज किया गया। जांच के आधार पर ही इलाज किया गया। इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरती गई। रोगी के परिजनों ने जो शिकायत दी है उसके बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं।
Published on:
31 Dec 2017 10:43 am
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