
कोटा . शीतकालीन अवकाश के बावजूद शहर में कई निजी स्कूलों के संचालकों ने सरकार व शिक्षा विभाग के आदेश व नियमों को ताक पर रखकर स्कूल खोलकर लिए। सरकार के आदेशों की अवेहलना की जा रही है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी कार्रवाई की बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
सरकार व बीकानेर निदेशालय ने सभी जिलों में स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूल नहीं खुलने के सख्त आदेश जारी कर रखे हैं। बावजूद इसके निजी स्कूल संचालकों ने मनमर्जी से स्कूल खोले हैं। मंगलवार सुबह घने कोहरे व कंडाके की सर्दी में नन्हंे-मुन्ने बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल पहुंचे। कुछ अभिभावक अपने बच्चों को वाहनों पर कम्बल व चादर ओढ़ाकर स्कूल लेकर आए तो कई बच्चे पैदल ठिठुरते हुए पहुंचे।
7 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश फिर भी स्कूल खुले
राज्य सरकार व शिक्षा विभाग के शिविरा पंचाग के अनुसार २२ दिसम्बर से ७ जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया गया है। इन दिनों कोई भी सरकारी व निजी स्कूल नहीं खुल सकता। इसके बावजूद निजी स्कूल संचालक मनमर्जी से सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर स्कूल खोल रहे हैं।
राजस्थान पत्रिका टीम शुक्रवार को जब कंसुआ स्थित निजी पहुंची तो स्कूल खुला मिला। इस स्कूल में बच्चों की क्लास लगी थी। बोरखेड़ा क्षेत्र स्थित निजी स्कूल भी खुला मिला। विद्यार्थियों ने बताया कि स्कूल संचालक ने आगे से स्कूल बंद रखकर पीछे से प्रवेश दे रखा है। वाहन भी पीछे ही खड़े करवाए जा रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एंजिलिका पलात ने बताया कि शीतकालीन अवकाश के दौरान जो स्कूल खुले हैं, उन्हें नोटिस जारी कर अग्रिम कार्रवाई के लिए निदेशालय को भेजा जाएगा।
यह है नियम
राज्य सरकार व शिक्षा विभाग ने शिविरा पंचाग में दिसम्बर में सर्दी के चलते 22 दिसम्बर से 7 जनवरी तक 15 दिन का शीतकालीन अवकाश घोषित किया हुआ है। इस तिथि के बीच कोई स्कूल संचालित नहीं कर सकता। यदि कोई स्कूल खोलता है तो संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश हैं।
Updated on:
06 Jan 2018 10:14 am
Published on:
06 Jan 2018 09:44 am
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