
कोटा थर्मल में कोयले कस संकट बना हुआ है।
कोटा . कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन में एक माह से चल रहा कोयला संकट अभी थमा नहीं है। कोयले का स्टॉक वापस गिरकर एक दिन यानी 18 हजार टन ही का ही रह गया है। सात में तीन यूनिटें बंद पड़ी है। त्योहारी सीजन में बिजली की मांग बढ़ी है, लेकिन प्लांट क्षमता का आधा ही उत्पादन कर पा रहा। सिर्फ 650 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है।
केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के रिकॉर्ड के अनुसार सोमवार रात को कोयले का स्टॉक मात्र 18 हजार टन कोयला ही बचा था। मंगलवार को चार रैक पहुंची है, जिनका कोयला सीधा बंकरों में डाला गया।
80 फीसदी क्षमता से चल रही चार यूनिट
कोयले की कमी से थर्मल में 110-110 मेगावाट क्षमता की एक व दो नंबर यूनिट में उत्पादन बंद है। कोयले की कमी से बंद हुई 195 मेगावाट की सात नंबर यूनिट को अब वार्षिक मेंटीनेंस पर घोषित कर दिया गया है। सिर्फ 195 क्षमता की तीन, चार व पांच नंबर यूनिट और 210 मेगावाट क्षमता की छह नंबर यूनिट चालू है, लेकिन इन्हें भी 80 फीसदी क्षमता पर चलाया जा रहा है।
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छबड़ा थर्मल में भी गहराया संकट
छबड़ा. छबड़ा सुपर थर्मल पावर प्लांट में कोयले का संकट गहराता जा रहा है। इसके चलते थर्मल प्रशासन को एक इकाई को बंद करना पड़ा। थर्मल में तीन इकाइयों में ही विद्युत उत्पादन जारी है। इसमें से दो इकाइयों को कम लोड पर चलाया जा रहा है। थर्मल के मुख्य अभियंता केसी अग्रवाल के अनुसार, मांग के अनुरूप कोयले की आपूर्ति नहीं होने पर ढाई सौ मेगावाट क्षमता की दूसरी इकाई को सोमवार रात पौने नौ बजे बंद कर दिया गया। कोयले की स्थिति में सुधार होने पर इकाई को फिर से चालू किया जाएगा। फिलहाल ढाई सौ मेगावाट क्षमता की तीसरी इकाई में फुल लोड पर उत्पादन जारी है। वहीं पहली व चौथी इकाई को लोड कम कर 195-200 मेगावाट पर चलाया जा रहा है।
Published on:
04 Oct 2017 02:58 am
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