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गंदगी पर बयानबाजी कर फंसे सफाई के लिए जिम्मेदार प्रमुख शासन सचिव

स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख सचिव काम की बजाय बयानबाजी करने के चक्कर में फंस गए। कोटा के विधायकों ने उनसे माफी मांगने की मांग की है।

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Controversy on statement of Chief Secretary Manjit Singh

जिस अफसर के जिम्मे पूरे प्रदेश की सफाई व्यवस्था हो, यदि वही गंदगी फैलाने के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराए तो बवाल होगा ही। स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख सचिव मंजीत सिंह कोटा आकर सार्वजनिक मंच से बयान दे बैठे कि 'कोटा में गंदगी देख लगता है गांव पहुंच गए'। उन्होंने इशारों ही इशारों में कोटा की गंदगी के लिए यहां के जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहरा दिया। फिर क्या था, जनप्रतिनिधि भड़क गए और उल्टा प्रमुख शासन सचिव से पूछ लिया कि सफाई कराना आपकी जिम्मेदारी है, लेकिन आपने अब तक क्या किया? बयानबाजी करके फंसे मंजीत सिंह की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। कोटा के जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उन्हें सफाई के लिए पाबंद किया जाए।







स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह के विवादित बयान के खिलाफ सबसे पहले कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने मोर्चा खोला। उन्होंने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि विभाग के मुखिया काम करने के बजाय बयानबाजी करके अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। उन्होंने मंजीत सिंह के सवाल दागा कि कोटा के हालात खराब होने से बचाने के लिए आप और आपके मातहतों ने अब तक क्या काम किया है? इतना ही नहीं विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अधिकारियों को सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए पाबंद करने के लिए भी कहा है।

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भारी पड़ा दूसरे के सिर ठीकरा फोड़ना

मंजीत सिंह खुद नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग के मुखिया हैं। यदि शहर में गंदगी रहती है तो यह उनकी व उनके विभाग के अधिकारियों की कमी है। कई बार सफाई व्यवस्था को लेकर जनप्रतिनिधियों की अधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है। बैठकों में व्यवस्था सुधारने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय किए गए हैं, लेकिन अधिकारियों की कार्यशैली एेसी है कि छोटे-छोटे सुधारों में ही महीनों गुजर जाते हैं। ऐसे में सार्वजनिक बयान देकर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। विधायक संदीप शर्मा ने उन्हें सलाह दी कि बयानबाजी करने के बजाय मातहतों की जिम्मेदारी तय करें और जो कोटा की सफाई व्यवस्था बिगाड़ने के लिए दोषी हो उस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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हर बैठक का मुद्दा, हालात जस के तस

उप महापौर सुनीता व्यास ने भी प्रमुख शासन सचिव के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विधान सभा से लेकर मुख्यमंत्री तक कई बार सफाई व्यवस्था को लेकर नाराजगी जता चुकी है। प्रमुख शासन सचिव पिछले एक साल में एक दर्जन बार कोटा आ चुके हैं, लेकिन सफाई में सुधार के लिए उन्होंने अब तक कुछ नहीं किया। बयानबाजी करने के बजाय उन्हें काम कराने पर जोर देना चाहिए, तभी हालात सुधरेंगे।

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यह कहा था मंजीत सिंह ने

सिंह ने शनिवार को निगम कार्यालय में स्मार्ट सिटी पर आयोजित कार्यक्रम में महापौर से कहा कि मैं शहर को देखता हुआ आया हूं। शहर गंदा है, साफ नहीं है। बाहर के लोगों को बुरा लगाता है। थडि़या व वेंडर वाले कंट्रोल में नहीं हैं। वे डस्टबिन नहीं रखते हैं। जगह-जगह प्लास्टिक बिखरी हुई है। न्यास अध्यक्ष आर.के. मेहता से कहा कि आप बूंदी से कोटा कभी आए या गए हो क्या? एंट्री पॉइंट से शहर की हालात खराब है। दोनों जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध ली थी। कार्यक्रम में शहर के व्यापार संघों के पदाधिकारी मोबाइल में अपने-अपने क्षेत्र के बाजारों के फोटो खेंचकर लाए थे, मंजीतसिंह को सफाई का आइना दिखाया था।