
कोटा। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने विश्वविद्यालयों को बौद्धिक क्षमता विकसित करने वाले केन्द्र बताते हुए कहा कि पहले आदमी डिग्री पाता था और नौकरी लग जाती थी, लेकिन अब ऐसा समय है कि डिग्री के साथ आपके पास कौशल भी होना चाहिए। इसके लिए बौद्धिक क्षमता भी जरूरी है।
राज्यपाल शुक्रवार को वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के संत सुधा सागर सभागार में 17वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि 400 कुलपति, 1000 शिक्षाविद और 1400 एक्सपर्ट से चर्चा कर यह नीति बनी है। जब पहली कक्षा से विद्यार्थी इसे पढ़ेगा तो देश में 15 साल बाद असर नजर आएगा।
राज्यपाल ने कहा कि अंग्रेजों ने भारतीयों की बौद्धिक क्षमताएं नहीं बढ़ें, ऐसे प्रयास किए। हमें इतिहास को याद रखना चाहिए, जो इतिहास भूलता है, वो भूगोल भी भूल जाता है।
दीक्षांत समारोह में मुख्य वक्ता गुरुनानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर के कुलपति प्रो. करमजीत सिंह ने कहा कि मेहनत और साहस के जरिए कुछ भी हासिल करना आसान है। इससे हम चुनौती को पार पाने में सक्षम बनते हैं। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने कहा कि देश के 18 खुला विश्वविद्यालयों में दूसरे नंबर पर कोटा खुला विश्वविद्यालय है, जिसमें एक लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं।
वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय में राज्यपाल ने 60,506 से ज्यादा डिग्रियां वितरित की। इसके अलावा 89 गोल्ड मेडल दिए गए। तीन चांसलर मेडल दिए। कोटा विश्वविद्यालय में 92,192 डिग्रियां, 56 स्वर्ण पदक वितरित किए। कोटा विवि में कुलाधिपति और कुलपति पदक भी दिए गए।
Published on:
24 Jan 2025 08:19 pm
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