
कोटा . ऐसी सड़क से निकलने से अच्छा है खड़े रहना। आपको समझ नहीं आ रहा होगा आखिर माजरा क्या है? हम आपको बता देते हैं, बात हो रही है कोटा संभाग के सबसे खतरनाक रोड की। इस रोड पर एक भी दिन ऐसा नहीं निकलता जब हादसा न होता हो। यहां से गुजरने का मतलब है मौत को दावत देना। लेकिन लोगों को अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए इसी मार्ग से गुजरना पड़ता है।
हालांकि वाहन चालक सतर्कता व सूझबूझ से हादसों को रोक सकते हैं। दरअसल केशवरायपाटन क्षेत्र में कोटा-लालसोट मेगा हाइवे पर जगह-जगह अंधे मोड हैं। जब यहां से कोई वाहन गुजरता है तो ड्राइवरों की हार्टबीट बढ़ जाती है। उसके पसीने छूटते हैं, इसके बाद भी वह मौत के साथ खेलता हुआ यहां से वाहन को ड्राइव करते हुए निकलता हैं।
सवाईमाधोपुर में नदी में गिरने के हादसों पर बस चालकों व प्राइवेट बस यूनियन के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू से बात की। उन्होंने कहा, सबसे ज्यादा जिस रूट पर मौतें होती हैं वह कोटा-लालसोट मार्ग है। एेसा कोई दिन नहीं जाता जब इस मार्ग पर दुर्घटनाएं नहीं होती हो। ड्राइवर इस रूट को मौत का रूट कहते हैं। साहू ने कहा कि इस मार्ग पर सबसे बड़ी कमी इंजीनियरिंग की है। मार्ग में जगह-जगह अंधे मोड है जो दिखाई नहीं देते और हादसा हो जाता है। सरकार ने अंधाधुंध परमिट बांट दिए जिस कारण प्रतिस्पर्धा बढ़ गई। आगे निकलने की होड़ में दुर्घटनाएं हो रही है।
पीएमओ से आए आदेश पर भी नहीं
हुई कोई सुनवाई
साहू ने बताया कि इस मार्ग पर कई लोगों की जान जा चुकी है, जिसकी शिकायत प्रधानमंत्री को भी कर चुके हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय से राजस्थान के मुख्य सचिव को आदेश जारी हुआ और सचिव के यहां से पीडब्लूडी विभाग को आदेश दिया है कि इस मार्ग की पूरी जांच की जाए, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा।
Published on:
25 Dec 2017 10:57 am
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