
कोटा . डेंगू व स्क्रब टायफस से कोटा की एक महिला की जयपुर में मौत हो गई। बोरखेड़ा क्षेत्र के प्रगति नगर निवासी गायत्री गुप्ता (42) को बुखार आया।
कोटा . डेंगू व स्क्रब टायफस से कोटा निवासी एक महिला की जयपुर में मौत हो गई। बोरखेड़ा क्षेत्र के प्रगति नगर निवासी गायत्री गुप्ता (42) को 2 सितम्बर को बुखार आया। 7 सितम्बर को उन्हें बसंत विहार स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में डेंगू व स्क्रब टायफस पॉजीटिव आया। परिजन उन्हें 14 सितम्बर को जयपुर ले गए, एसएमएस जयपुर में 19 सितम्बर को उनका दम टूट गया।
बच्चे का दम टूटा
कार्ड टेस्ट में डेंगू पॉजीटिव आए दरा स्टेशन निवासी दक्ष नामा (8) की जेके लोन अस्पताल में मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि दक्ष को 18 सितम्बर को तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। 19 को सुबह जेके लोन अस्पताल ले गए, उसी रात को उसकी मौत हो गई। अस्पताल अधीक्षक डॉ. आर के गुलाटी ने बताया कि परिजन जांच लेकर आए थे। उसमें कार्ड टेस्ट में डेंगू पॉजीटिव था, लेकिन एलाइजा में कन्फर्म नहीं हुआ, बुखार से ही बच्चे की मौत मान रहे हैं।
स्वाइन फ्लू
के 8 केस
बुधवार को स्वाइन फ्लू के कुल 8 मामले सामने आए। इनमें कोटा के 6, बारां व बूंदी के 1-1 रोगी शामिल हैं। वहीं डेंगू के कोटा संभाग के 17 मामले सामने आए हैं। इनमें कोटा के 12 हैं। स्क्रब टायफस के 6 मामले सामने आए हैं।
मरने के बाद आई रिपोर्ट
हिण्डोली निवासी महिला की मरने के बाद बुधवार को स्क्रब टायफस पॉजीटिव रिपोर्ट मिली। फोरंती (22) को 15 सितम्बर को एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी स्क्रब टायफस की जांच कराई गई, लेकिन 19 को दोपहर में उसकी मौत हो गई। रिपोर्ट 20 को आई। वहीं, डाबर बम्बोरी निवासी चार साल की बालिका की भी मरने के बाद स्वाइन फ्लू पॉजीटिव रिपोर्ट मिली है। उसे 16 सितम्बर को तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, 17 सितम्बर को इसकी मौत हो गई। 20 को आई रिपोर्ट में उसे स्वाइन फ्लू पॉजीटिव पाया गया।
कलक्टर व अस्पताल अधीक्षक को नोटिस जारी
एमबीएस अस्पताल में आवारा मवेशियों व सूअरों की रोकथाम के संबंध में पेश जनहित याचिका पर अदालत ने बुधवार को जिला कलक्टर व एमबीएस अस्पताल अधीक्षक को नोटिस जारी किए हैं। एडवोकेट बीटा स्वामी ने जिला कलक्टर व एमबीएस अस्पताल अधीक्षक के खिलाफ स्थायी लोक अदालत में याचिका पेश की। इसमें कहा कि यह संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां कई डॉक्टर, नर्सिंंगकर्मी व सुरक्षा गार्ड होने के बावजूद अस्पताल परिसर में आवारा मवेशी घूम रहे हैं। उन्हें रोकने में अस्पताल प्रशासन नाकाम रहा है। परिसर में मवेशी तीमारदारों के खान-पीने के स्थान पर भी आ जाते हैं। मवेशियों के कारण ही कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं। याचिका में कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि वे परिसर में मवेशियों को घुसने से रोंके, ताकि मरीजों व उनके तीमारदारों के जीवन से हो रहे खिलवाड़ को रोका जा सके। एडवोकेट स्वामी ने बताया कि अदालत ने उन्हें नोटिस जारी कर 13 अक्टूबर को जवाब देने को कहा है।
Published on:
21 Sept 2017 01:26 am
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
