कोटा. शहर में डेंगू ने एक बार फिर भयावह रूप धारण कर लिया। इसके चलते डेंगू ने आमजन को जकड़ लिया। जबकि जुलाई में चिकित्सा विभाग को यह अहसास हो गया था कि शहर में डेंगू एक बार फिर फैलेगा। बावजूद इसके चिकित्सा विभाग सोता रहा। िस्थति यह है कि डेंगू तलवंडी इलाके से बढ़ता हुआ रंगबाड़ी, महावीर नगर, विज्ञान नगर से होता हुआ अनंतपुरा तक फैल गया। बात करें अकेले तलवंडी में पिछले 8 दिन में 62 मरीज आ चुके है। जबकि 26 दिन में इस इलाके में 108 पॉजिटिव मरीज सामने आ गए है।
8 माह में 246 और अगस्त के 26 दिन में 210 मरीज आए
शहर में जनवरी से अगस्त तक 8 माह में 246 मरीज सामने आए है। बात करें अगस्त के 26 दिन में 210 मरीज सामने आ चुके है। इनमें सबसे ज्यादा तलवंडी इलाके में 108, विज्ञान नगर में 19, रंगबाड़ी में 19, अनंतपुरा में 17, कुन्हाड़ी में 12, महावीर नगर में 11 मामले सामने आ चुके है। यह वे इलाके है, जहां डेंगू पैर पसार रहा है।
चिकित्सा विभाग के हाथ पांव फुले
शहर में डेंगू फैलने पर अब चिकित्सा विभाग के हाथ पांव फुल गए है। अब 855 टीमों का गठन कर घर-घर सर्वे करवाया जा रहा है। जबकि चिकित्सा विभाग जुलाई में डेंगू के कार्ट टेस्ट आने पर कंट्रोल करने का दावा करता रहा, लेकिन अगस्त में चिकित्सा विभाग की ढलाई से यह फैल गया। मरीजों से अस्पताल फुल हो गए। तलवंडी क्षेत्र में बड़ी संख्या में कोचिंग स्टूडेंट भी डेंगू की चपेट में आ रहे है। चिकित्सा विभाग का सर्वे भी फेल हो गया। नगर निगम की ओर से शाम के समय मच्छरों को मारने के लिए फोगिंग तक नहीं की गई। डेंगू फैलने के बाद जिला कलक्टर के दखल के बाद नगर निगम ने अब फोगिंग करना शुरू किया।
यह भी पढ़े: https://www.patrika.com/tonk-news/outbreak-of-dengue-and-fever-spreading-in-the-village-8441185/
हॉस्टलों में कूलरों की सफाई नहीं
तलवंडी क्षेत्र में डेंगू फैलने का सबसे बड़ा कारण हॉस्टलों में लगे कूलर भी सामने आ रहे है। यह काफी ऊंचाई में लगे है। इस कारण इनकी सफाई तक नहीं हो रही है। वहीं, ड्रेनेज सिस्टम भी गड़बड़ाया हुआ है। खाली प्लाटों में पानी भरा हुआ है। यूआईटी की ओर से इन मालिकाें पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इन्हीं जगहों पर डेंगू का लार्वा पनप रहा है। चिकित्सा विभाग भी हॉस्टल मालिकाें पर छुटपुट पैनल्टी लगाकर इतिश्री कर रहा है।
एक्सपर्ट व्यू
एडीज मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। यह एक डेंगू पीडि़त मरीज को काटने के बाद उसके संक्रमण होने से पांचवे दिन तक के अंतराल पर काटता है तो यह वायरस मच्छर में प्रविष्ट कर जाता है और अब यह मच्छर अन्य किसी स्वस्थ मनुष्य को काटकर उसमें यह रोग फैलाता है। काटने के बाद रोग के 5 से 7 दिन बाद रोग के लक्षण सामने आते है। असल में डेंगू के मच्छर दिन में सबसे ज्यादा काटते हैं, लेकिन हम रात के समय मच्छर को मारने के लिए अलाउट, कोइल व अन्य जतन कर है। जबकि यह हमें दिन में ही करना चाहिए। बारिश के चलते घरों के आसपास पानी भरा हुआ है। आमजन को उनकी सफाई करवानी चाहिए। हॉस्टलों में कूलरों की सफाई होनी चाहिए। मरीजों के सैम्पल जांच के लिए लैब में जाने के बाद ही उसके वायरल लोड का पता चल सकेगा। उसके बाद ही हम यह जान सकते है कि डेंगू के वायरस ने अपना स्ट्रेन बदला है।
डॉ. मनोज सलूजा, आचार्य, मेडिसिन विभाग, कोटा मेडिकल कॉलेज