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सड़क निर्माण में अटका गांवों का विकास…!

- दशकों से पड़ी है अधूरी, पूरी होने की जोह रहे बाट

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कोटा

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Anil Sharma

Feb 28, 2021

moikalan, kota

मोईकलां, जोलपा जाने वाला कच्चा मार्ग।

मोईकलां. कई वर्ष से कस्बे का हर व्यक्ति यह सपना देख रहा है कि जोलपा व डोबड़ागांव तक संपर्क सड़क बननी चाहिए। सरकारे आई व गई पर आज तक लोगोकी जनभावना को किसी ने पास आकर देखने की हिम्मत नही की। मोईकलां कस्बा कोटा जिले की अंतिम सीमा बसा हुआ। यहां से खानपुर की और चलते है तो 3 किमी के बाद झालावाड़ जिले की सीमा शुरु हो जाती है। इधर बारांकी और से बपावर से 4 किमी चलते है तो बारां जिले की सीमा लग जाती है। आज भी कस्बे के लोग विकास की दृष्टि से मोईकलां को काफी पिछड़ा हुआ मानते है। जब-जब कस्बे के विकास की बात चली तो लोगों के मुंह से एक ही आवाज निकली कि जब तक जोलपा व डोबड़ा गांव तक सड़क नहीं बनेगी तब तक विकास की सोचना भी बेमानी होगा।

वर्षों से कर रहे सड़क निर्माण की मांग
जोलपा व डोबड़ा तक सड़क बनने के बाद दोनों गांव की जनता का सीधा जुड़ाव यहा से हो जाएगा। कस्बे के 80 फीसदी किसानों की जमीन जोलपा व डोबड़ा मार्ग पर स्थित है। किसान इस बात को 30 वर्ष से कहते आ रहे है कि सड़क बनने के बाद किसानों की सारी परेशानी खत्म हो जाएगी। ऐसा भी नहीं है कि समय-समय पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने विधायक, सांसद, जिला कलक्टर सहित अन्य अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत नहीं कराया हो। कई बार अथक प्रयास करने के बाद भी किसी मसीहा ने लोगों की भावना को समझने का प्रयास ही नहीं किया। ऐसा भी नहीं है कि मोईकलां की जनता ही वर्षो से सड़क निर्माण की मांग कर रही हो। जोलपा व डोबड़ा गांव की जनता भी यह मन की बात है कि मोईकलां तक रोड़ बनना ही चाहिए।

लम्बे समय से जोलपा, मोईकलां व डोबड़ा गांव के लोग मांग करते आए है कि तीनों गांवों का आपस में सड़क संपर्क के माध्यम से जुड़ाव होना चाहिए। यहां से उक्त दोनों गांवों तक संपर्क सड़क बनने के बाद इसमें कोई दो राय नहीं है कि विकास को गति मिलेगी।
राजाराम शर्मा, अध्यक्ष, कांग्रेस, मोईकलां।

कमोलर व सूमर मोईकलां की अपेक्षा छोटे कस्बे है। पर इन दोनों कस्बों का जुड़ाव सड़क के माध्यम से कई गावों से होने के कारण दिनभर लोगों की काफी आवाजाही रहती है। ठीक इसी तरह से बपावर कस्बे से आसपास के गांवों का जुड़ाव सड़क से होने के कारण आज बपावर कस्बा मोईकलां कस्बे से बेहतर स्थिति में है।
पवन गोयल, युवा नेता, कांग्रेस।

मोईकलां कस्बे का हर दुकानदार, हर व्यापारी व हर व्यक्ति यही चाहता है कि कस्बे का सड़कों से जुडा़व होना चाहिए। जब तक अन्य गांवों से कस्बे का सीधा संपर्क नहीं होगा विकास होने में कई दशक लग जाएंगे। सरकारें व जनप्रतिनिधि अपने स्तर पर कस्बे का विकास कराए यह बात अलग है।
जगदीश सोनी, सामाजिक कार्यकर्ता।

समय-समय पर सभी को अवगत कराया गया कि लोगों की जन भावना व समस्या को देखते हुए संपर्क सड़कों का निर्माण कराया जाए। जनता व किसान तो सिर्फ समस्या से अवगत करवा सकते है। अब उस दिशा में काम करना ना करना तो सक्षम के हाथ की बात होती है। आने वाले समय में अगर दोनों गांवों तक सड़क बन जाती है तो सपना पूरा होने जैसा होगा लोगों के लिए।
भानु प्रताप यादव भाजपा, नेता।