
कोटा . दनादन निकल रही वैकेंसीज और पिछले दिनों आटीई में प्रवेश, ये दो कारक ऐसे बने कि शहर में मूल निवास व जाति प्रमाण-पत्रों के आवेदनों की बाढ़ आ गई, आवक की रफ्तार में डिजिटल हस्ताक्षर न होने से ये बन ही नहीं पाए। हालत यह कि दो माह में 7 हजार प्रमाण-पत्रों के पेंडेंसी हो गई।
जिला प्रशासन के पास मामला पहुंचने पर अब इन पेंडेंसी को खत्म करने की कवायद हुई है, 11 सूचना सहायकों की टीमें लगाई गई। बावजूद इसके गुरुवार तक चार हजार प्रमाण-पत्र लम्बित पड़े रहे। इधर, आमजन ई-मित्र केन्द्रों व कलक्ट्री के चक्कर लगा रहे हैं।
Big News: लहसुन के भाव सुन किसान को लगा सदमा, जहर खाकर दी जान
सूर्यनगर निवासी मुकेश सुमन ने उनके पुत्र आदित्य का जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ई-मित्र पर 23 फरवरी को आवेदन किया था, लेकिन डिजिटल हस्ताक्षर नहीं हुए। ई-मित्र हेल्प डेस्क पर भी शिकायत की, लेकिन अभी तक नहीं आया।
डीसीएम इन्द्रा गांधी नगर निवासी तीन वर्षीय आलिया का मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 22 मार्च को आवेदन किया गया। इसी तरह, इन्द्रा गांधी नगर निवासी रेखा कुमारी ने 1 अप्रेल को मूल निवास प्रमाण-पत्र के लिए के लिए आवेदन किया उन्हें वैकेंसी में आवेदन करना है, लेकिन कार्य अटका पड़ा है। डीसीएम निवासी दीपक महावर ने 14 मार्च को मूल निवास व जाति प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन किया। ये सभी आज तक बनकर नहीं आए।
Good News: कोटा रेलवे मंडल ने डवलप किया ऐसा सिस्टम कि अब पूरा देश अपनाएगा
दिन-रात जुटी टीमें
पहुंचने के बाद कलक्टर के दखल पर 11 सूचना सहायकों की टीमें लगाई। सुबह 6 से 12, दोपहर 12 से शाम 6 बजे व शाम 6 से दोपहर 12 बजे तक शिफ्टों में तीन-तीन कर्मचारियों को लगाया गया। एसडीएम व तहसीलदार के साथ एक-एक कर्मचारी लगाए। कर्मचारियों को 100 सर्टिफिकेट प्रतिदिन बनाने का लक्ष्य दिया है।
Big News: राजस्थान का एेसा जंक्शन जहां यात्रियों को हाईटेक होटल के साथ मिलेगा मॉल में शॉपिंग का मौका
टीमें लगाकर लक्ष्य आवंटित कर दिए हैं
जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने बताया कि जाति व मूल निवास प्रमाण-पत्रों की पेंडेंसी खत्म करने के लिए सूचना सहायकों की टीमें लगाई हैं। उनको लक्ष्य आवंटित किया गया। शनिवार व रविवार को अवकाश के दिन भी टीमें कार्य करेंगी। मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी एनालिस्ट कम प्रोग्रामर को दी गई।
प्रतियोगी परीक्षाओं के आवेदन में पड़ रही जरूरत
राज्य सरकार ने इन दिनों लिपिक, तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा, कांस्टेबल समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए वेकेंसी निकाली है। अभ्यर्थियों को इनमें आवेदन के वास्ते मूल निवासी व जाति प्रमाण-पत्र की जरूरत है। पिछले दिनों आरटीई में भी छात्र-छात्राओं के मूल निवासी व जाति प्रमाण-पत्र मांगे गए, लेकिन अधिकारियों के डिजिटल हस्ताक्षर नहीं करने से कई छात्र-छात्राएं प्रवेश से वंचित हो गए।
यह है नियम
ई-मित्र पर जाति व मूल निवास प्रमाण-पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद 7 दिन में बनकर आ जाना चाहिए। जाति प्रमाण-पत्र पर एसडीएम व मूल निवास प्रमाण-पत्र पर तहसीलदार को डिजिटल हस्ताक्षर के लिए अधिकृत कर रखा है। आवेदन की जांच के बाद हस्ताक्षर कर सात दिन में उसे वापस ई-मित्र पर भेजना चाहिए।
Published on:
20 Apr 2018 01:23 pm
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
