
एनटीसीए के प्रतिनिघि पहुंचे कोटा, जानेंगे मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व की हकीकत
कोटा. मुकुन्दराहिल्स टाइगर रिजर्व के हालातों का निरीक्षण करने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण( एटीसीए) की टीम शनिवार को कोटा पहुंची। यह टीम रविवार को टाइगर रिजर्व में गत दिनों से चल रही उथलपुथल के कारणों का बारिकी से निरीक्षण करेगी। गत दिनों में हुई बाघ- बाघ बाघिन की मौत व अब बीमार बाघिन तथा गुम लापता बाघ समेत अन्य सभी कारणों को जानने के लिए दल में शामिल तीनों सदस्य मुकुन्दरा हिल्स जाएंगे व वास्तविक कारणों का पता लगाएंगे।
इन बिंदुओं पर की चर्चा
टीम शनिवार को शाम कोटा पहुंची और आते ही टाइगर रिजर्व में अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने टाइगर रिजर्व में लए गए बाघों की हिस्ट्री की जानकारी ली। कब कौनसा बाघ आया, किस तरह से लाया गया। मौत कब और कैसे हुई। बीमार बाघिन कब से है, बाघ कब से नहीं मिल रहा, समेत अन्य सभी बिंदुओं पर जानकारी ली। विभाग के अधिकारियों ने सभी जानकारियों से अवगत करवाया।
यह है हाल
टाइगर रिजर्व में 23 जुलाई को बाघ एमटी-3 की मौत तो गई थी। इसके कुछ दिन बाद 3 अगस्त को जंगल मंें बाघिन एमटी-2 मृत मिली थी।इसका एक शावक गुम हो गया था, एक मिल गया था, जिसकी 18 अगस्त को इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
एक तरफ तलाश जारी
मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ की तलाश शनिवार को भी जारी रही। विभाग की टीम ने 82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र व आसपास के क्षेत्र मंें मॉनिटरिंग की। लेकिन बाघ के कोई साक्ष्य नजर नहीं आए। यह बाघ गत माह १19 अगस्त को कैमरा ट्रेप हुआ था। इसके बाद से एक माह पूरा होने के बाद भी यह नजर नहीं आया है, न ही इससे सम्बन्धित साक्ष्य मिल पाए हैं।
दूसरी तरफ स्वास्थ्य की निगरानी
बाघिन एमटी-4 भी गत दिनों काफी दिनों तक नहीं नजर नहीं आई थी, लेकिन6 सितम्बर को इसके पैरों के निशान मिल गए थे और फिर अगले ही दिन इसकी साइटिंग हो गई थी, लेकिन यह पैरों से लंगड़ाकर चलती देखी गई थी। इसका 10 सितम्बर को ट्रंकोलाइज कर उपचार किया गया था। इसके स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है।
Published on:
20 Sept 2020 01:00 pm
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