
dr sushil
कोटा . जेल से बंदियों को इलाज के बहाने अस्पताल में अाराम उपलब्ध कराने के लिए रिश्वत मांगना वरिष्ठ चिकित्सक को भारी पड गया। एक बंदी को जेल से अस्पताल में शिफ्ट करने की एवज में 5 हजार रुपए रिश्वत की मांग के मामले में नए अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर सुशील को एसीबी बारां ने जांच में दोषी मानते हुए मंगलवार को उनके खिलाफ अदालत में चालान पेश कर दिया। अब इस मामले में 21 नवम्बर को सुनवाई होगी।
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डॉ.सुशील के खिलाफ छावनी निवासी मुख्तयार ने 30 जनवरी 2016 को एसीबी में शिकायत दी थी। जिसमें आरोप लगाया था कि नए अस्पताल में अधीक्षक रहते हुए डॉ. सुशील जेल में बंद उसके चाचा अब्दुल गफूर को जेल से अस्पताल में शिफ्ट करने की एवज में 5 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहे हैं। शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसीबी ने उन्हें ट्रेप करने का प्रयास किया, लेकिन भनक लगने से उन्होंने रकम नहीं ली। एसीबी ने मांग सत्यापन पाए जाने पर डॉ. सुशील के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मामले की जांच एसीबी बारां के एएसपी राजेन्द्र सिंह गोगावत कर रहे हैं। अनुसंधान अधिकारी ने डॉ. सुशील को रिश्वत मांग का दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में चालान पेश किया।
गौरतलब है कि डॉ. सुशील को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कुछ समय पहले निलम्बित कर दिया था। कोटा अदालत से 7 सितम्बर को उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो गई थी। बाद में हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी।
इधर, एसएचओ व कांस्टेबल को नहीं मिली जमानत
बीस दिन पहले 8 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए खातौली थाने के तत्कालीन एसएचओ व कांस्टेबल की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय ने मंगलवार को खारिज कर दी।
थाने के तत्कालीन एसएचओ(उप निरीक्षक) अर्जुन स्वामी व कांस्टेबल गम्भीर सिंह को एसीबी कोटा की टीम ने 6 अक्टूबर को परिवादी लड्डू लाल से रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के अगले दिन अदालत में पेश करने पर उन्हें जेल भेज दिया था। दोनों आरोपितों की ओर से अदालत में जमानत अर्जी पेश की गई थी, सुनवाई के बाद अदालत ने इसे खारिज कर दिया।
Published on:
25 Oct 2017 02:18 am
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