
Drinking water problem: आठ साल पुरानी मल्टी, 100 कदम दूर पानी की टंकी, फिर भी नहीं मिल रहा चंबल का पानी
Drinking water problem: कोटा. चंबल नदी में अथाह जल राशि होने के बावजूद कोटा की बहुमंजिला इमारतों के रहवासियों को चंबल के पानी को तरसना पड़ रहा है। डीसीएम रोड स्थित दीपश्री ग्रीन अपार्टमेंट अपना घर योजना में रहने वाले लोगों को चंबल का पानी नसीब नहीं हुआ है।
फलोराइड युक्त बोरिंग का पानी पीना लोगों की मजबूरी बना हुआ है। इससे लोगों को बीमार होने का भय सता रहा है। लोग बाल झडऩे जैसी समस्याओं से ग्रस्त होने लगे हैं। सोसायटी पदाधिकारियों व रहवासियों ने जलदाय विभाग से पानी के कनेक्शन के लिए कई प्रयास भी किए, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे। इन हालातों के चलते बोरिंग का पानी पीना ही मजबूरी है।
दो कदम दूर, फिर भी मजबूर
दीपश्री ग्रीन अपार्टमेंट में रह रहे लोगों ने पत्रिका के साथ अपना दर्द बांटते हुए कहा कि हमारे भवन से कुछ ही दूरी पर जलदाय विभाग का कार्यालय है और यहां विभाग का उच्च जलाशय भी बना हुआ है, इसके बावजूद कनेक्शन नहीं हो रहे हैं। सोसायटी के सचिव हितैषी शर्मा के अनुसार अपार्टमेंट भवन 8 वर्ष पुराना है। इसमें कुछ किराएदार हैं, कुछ के अपने फ्लैट हैं।
जैसा कि इन्होंने बताया
अपार्टमेंट में रहने वाले रघुवीर सिंह हाड़ा ने बताया कि अपार्टमेंट काफी पुराना है। जलदाय विभाग से कनेक्शन लेने के प्रयास किए हैं, लेकिन नहीं मिल पाया। बोरिंग के पानी को सीधे नहीं पी सकते। आरओ के बिना पानी पीना मुश्किल है। उपकरण के फिल्टर बार-बार खराब हो जाते हैं। बाल झडऩे जैसी परेशानी भी है।
भुवनेश चौधरी के अनुसार हम लोग चंबल के शहर में रहते हैं, लेकिन, सरकार की अनदेखी से चंबल का पानी नहीं मिल रहा। बोरिंग का पानी काला-मटमैला आता है। इससे बीमारी का खतरा बना रहता है। यही पानी पीते रहे तो बीमारी घर कर लेगी।
शिव यादव ने बताया कि हम लोगों को बोरिंग का पीनापड़ रहा है। पानी कई बार काला आता है। सभी को चंबल का पानी मिलना चाहिए। सरकार मल्टीस्टोरी के लिए ठोस योजना बनाकर समस्या का समाधान करे। परिवार के लोगों को डर सताता है कि बोरिंग के फ्लोराइड वाले पानी को लगातार पीने से बीमारियां न हो जाएं।
Updated on:
27 Jan 2022 03:55 pm
Published on:
27 Jan 2022 03:52 pm
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