
takli dam
चेचट (कोटा). कोटा जिले के ताकली बांध डूब क्षेत्र से प्रभावित सात गांव के बाशिंदे पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। इन गांवों में पेयजल के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जलदाय विभाग द्वारा इन गांवों में टैंकर से पेयजल उपलब्ध करवाने की केवल औपचारिकता पूरी की जा रही है। गांवों में आवश्यकता अनुसार पेयजल आपूर्ति नहीं की जा रही है।
जानकारी के अनुसार ताकली बांध डूब क्षेत्र से प्रभावित गांव दुडकली, सोहनपुरा, सारनखेड़ी, रघुनाथपुरा, दड़िया, तमोलिया एवं तालियाबल्डी आदि गांव के बाशिंदों को पुनर्वास के बाद भी पेयजल के भारी संकट से जूझना पड़ रहा है। ग्रामीणों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। सोहनपुरा में ग्रामीणों ने बताया कि यहां दो दिनों में सिर्फ एक या दो टैंकर से पेयजल आपूर्ति होती है। ऐसा ही हाल बाकी गांवों का भी है। जबकि सिंचाई विभाग द्वारा जलदाय विभाग को हर गांव में प्रतिदिन 4-8 पानी के टैंकर से जलापूर्ति करने के लिए आदेशित कर रखा है।
रोजाना इतने टैंकर से होनी है जलापूर्ति
पूर्व में सावन भादो परियोजना द्वारा इन गांवों में जलापूर्ति की जा रही थी। सहायक अभियंता ने 14 मई को आदेश जारी कर जल संसाधन विभाग को इन गांवों में जलापूर्ति हस्तांतरित कर दी। जल संसाधन विभाग द्वारा मंगलवार को इन गांवों में सिर्फ एक- एक टैंकर से जलापूर्ति की गई। जबकि आदेश में ताकली बांध डूब क्षेत्र से प्रभावित गांव दुडकली में 8, सोहनपुरा में 8, सारनखेड़ी में 8, रघुनाथपुरा में 4, दड़िया में 3, तमोलिया में 7 एवं तालियाबल्डी में 4 टैंकर से रोजाना जलापूर्ति होनी है।
डूब क्षेत्र से प्रभावित गांव के ग्रामीणों का कहना है कि जलदाय विभाग द्वारा 8 टैंकर की जगह सिर्फ एक टैंकर डाला जा रहा है। गांव वाले पानी के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हमें पीएचईडी विभाग से पानी की व्यवस्था नहीं चाहिए। विभाग हमारी जमीन अधिग्रहण सिंचाई विभाग ने की है तो सिंचाई विभाग ही हमारे लिए पानी व रोजगार की व्यवस्था करे। सिंचाई विभाग को ही हमारे लिए पानी की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।
Updated on:
16 May 2024 02:02 am
Published on:
16 May 2024 02:00 am
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