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शिक्षकों की सरकार में राठौड़ बनी अध्यक्ष व मेहरा ​हुए उपाध्यक्ष

शिक्षा सहकारी चुनाव: राठौड़ गुट 7-4 से हुआ विजयी, मंत्री निर्विरोध चुने गए। एक संचालक सदस्य वोट करने नहीं आये।

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कोटा

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ritu shrivastav

Sep 27, 2017

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शिक्षा सहकारी चुनाव

चुनावों में अध्यक्ष पद पर संध्या राठौड़ काबिज हुई। उन्हीं के पैनल के सुरेश मेहरा उपाध्यक्ष चुने गए। मंत्री पद पर एक ही नामांकन होने पर जमनालाल गुर्जर निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए। निर्वाचन अधिकारी प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए संध्या राठौड़ व देवीलाल गोचर तथा उपाध्यक्ष के लिए सुरेश मेहरा और महेन्द्र नागर के बीच मुकाबला था।







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राठौड़ पैनल के सात सदस्यों ने जीत हासिल की

दोनों पदों पर संध्या राठौड़ गुट 7-4 से काबिज हो गया। वहीं एक सदस्य गजेन्द्र मालवीय मतदान करने नहीं पहुंचे। गौरतलब है कि 25 सितंबर को ही 12 सदस्यीय संचालक मण्डल का चुनाव परिणाम आया था जिसमें संध्या राठौड़ के पैनल के सात सदस्यों ने जीत हासिल की। देवीलाल गोचर व प्रकाश जायसवाल के पैनल से दो-दो सदस्य जीते हैं। महेन्द्र नागर अपने पैनल से अकेले जीतने वाले सदस्य हैं। जीतने वालों में संध्या राठौड़, जमुनालाल गुर्जर, पूनम गौतम, सुरेश मेहरा, महेन्द्र कुमार नागर, राजमल मीणा, देवलाल गोचर, गजेंद्र मालवीय, प्रकाश जायसवाल, उमेश मीणा, मनोज कुमार शृंगी व गायत्री मीणा शामिल है।

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स्कूटी खराब, मंत्री बनने से रह गई वंचित

सभा के चुनाव में उस समय नया मोड़ आ गया, जब डॉयरेक्टर गायत्री मीणा दो मिनट की देरी से मंत्री पद के लिए आवेदन नहीं कर सकी। मीणा ने मंत्री के लिए आवेदन किया था। आवेदन के दौरान निर्वाचन अधिकारी ने कुछ दस्तावेजों की कमी को पूरा करने के लिए कहा। दस्तावेज लेने वे घर पर पहुंची और लौटने लगी तो स्कूटी स्टार्ट नहीं हुई। उन्होंने प्रकाश जायसवाल को फोन किया। वे मीणा को लेकर आए, लेकिन तब तक आवेदन लेने की समय सीमा समाप्त हो गई।

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विपरीत परिस्थिति में जीते

अध्यक्ष बनी संध्या राठौड़ ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद चुनावों में मेरा पैनल विजयी रहा है। इसके लिए मतदाताओं का आभार है। जमुनालाल गुर्जर को मंत्री व सुरेश मेहरा को उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित कर हमें सेवा का अवसर दिया। मुखर विपक्षी बनेंगे। नवनिर्वाचित संचालक प्रकाश जायसवाल ने कहा कि वे शिक्षा सहकारी के आगामी 5 वर्ष के कार्यकाल में सकारात्मक सोच के साथ मुखर विपक्षी की भूमिका का निर्वहन करेंगे। सदस्यों की समस्याओं का समाधान करवाएंगे।