
Election of Chechat Sarpanch declared illegal
कोटा . रामगंजमंडी तहसील की पंचायत चेचट के सरपंच पद पर 1 फरवरी 2015 को हुए चुनाव को अदालत ने अवैध घोषित कर दिया। साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी को आदेश दिया कि वे इस पद पर नियमानुसार निर्धारित अवधि में दोबारा चुनाव करवाएं।
चेचट निवासी राजेश वाल्मीकि ने चेचट के निर्वाचित सरपंच मनोज बैरवा व अन्य प्रत्याशियों अर्जुन खटीक, ओम प्रकाश, कालूलाल, बालाराम, राजू मेहर, भंवरलाल और जिला निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनाव याचिका पेश की थी कि राज्य सरकार की ओर से 1 फरवरी 2015 को चेचट के सरपंच पद पर मतदान कराया गया था। इस पद के लिए उसने भी वार्ड 7 से नामांकन पत्र दाखिल किया था। उसका नामांकन स्वीकार होने के बाद चुनाव चिन्ह भी आवंटित किया गया था। उसी दिन रात को मतगणना हुई लेकिन मतगणना स्थल पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी, साथ ही उनके अधिकृत एजेंट को भी मतगणना स्थल पर काफी दूर बैठाया गया। भीड़भाड़ व शोर होने से सही ढंग से गिनती भी नहीं सुन सके थे। मनोज के अवैध मतपत्रों को भी जल्दी गिनती कर वैध मानते हुए जोड़कर निवाचन अधिकारी ने उसे सरपंच पद पर निर्वाचित घोषित कर दिया।
याचिका में कहा कि मतगणना में अनियमितता बरती गई और गलत तरीके से सरपंच को निर्वाचित घोषित किया गया है। जबकि मनोज बैरवा चुनाव में भाग लेने की पात्रता ही नहीं रखता था। उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सुकेत थाने में वर्ष 2007 में एक मामला दर्ज हुआ था। जिसकी सुनवाई भी अदालत में विचाराधीन है। इसकी जानकारी होने के बावजूद घोषणा पत्र में इसे छिपाते हुए शपथ पत्र पेश किया। जिसके कारण भी उसे अयोग्य कार देकर चुनाव को अवैध घोषित किया जाए।
परिवादी के अधिवक्ता मनीष शर्मा ने बताया कि इस मामले में सभी पक्षों की ओर से पेश जवाब पर बहस की गई। बहस के बाद अदालत ने राजेश वाल्मीकि की चुनाव याचिका को स्वीकार कर लिया और चेचट पद पर 1 फरवरी 2015 को हुए सरपंच पद के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया। साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी को इस पद पर नियमानुसार निर्धारित अवधि में दोबारा से चुनाव कराने के आदेश दिए।
Published on:
24 Nov 2017 06:00 pm
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