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कोटा

लोकसभा चुनाव से पहले ब्रह्मांड में हुआ चुनाव सूर्य बन गए प्रधानमंत्री…जानिए क्या रहेगा खास

भारत में लोकसभा चुनाव होने हैं बाकी लेकिन आकाशीय मंडल के चुनाव में सूर्य बन गए हैं प्रधानमंत्री इस वर्ष आतंक पर लगेगी लगाम और विश्व में समरसता बनेगी…

कोटाMar 23, 2019 / 08:27 pm

Suraksha Rajora

Elections in the universe before the Lok Sabha elections became Saturn

लोकसभा चुनाव से पहले ब्रह्मांड में हुआ चुनाव सूर्य बन गए प्रधानमंत्री…

कोटा. लोकसभा चुनाव के नतीजे से पहले ही चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ होता है। इस बार 6 अप्रैल से होगा। इस संवत्सर का नाम परिधावी है। निर्वाचित ग्रहों का कार्यकाल एक वर्ष का होता है। इस वर्ष आकाशीय मंडल के निर्वाचन में राजा (राष्ट्रपति) का पद शनि को प्राप्त हुआ है।
वहीं प्रधानमंत्री सूर्य बनाए गए हैं। जबकि पिछले वर्ष इससे उलट राष्ट्रपति का पद सूर्य के पास और प्रधानमंत्री का पद शनि के कब्जे में रहा। सूर्य के राष्ट्रपति होने से पूरे विश्वभर में भारत की सूर्य के समान चमकी। इस वर्ष शनि के राजा होने से अखिल ब्राह्मंड के सर्वोच्च न्यायाधीश शनिदेव के राजा बनने से भारतीय को अनेक मामलों न्याय दिलाएगा। इसमें आतंकीय मामलों के अलावा धार्मिक, सामाजिक मामलों की समरसता विश्वभर में बढ़ेगी। राजा शनि के पास वर्षा यानि मेघेश का भी प्रभार रहेगा।

ज्योतिषाचार्य अमित जैन नव वर्ष मिश्रित फल देने वाला होगा। भूमि, भवन संपत्ति के मान से सकारात्मक परिवर्तन दिखेंगे। सामाजिक दृष्टिकोण से मूल्यों के स्तर पर गिरावट दिखाई देगी। बारिश का प्रभाव मध्यम रहेगा। खेती अनुपातिक ही होगी। पड़ोसी राष्ट्रों के मध्य अस्थिरता से परेशानी आएगी।
ऐसे में अग्नि, अग्निवात, आतंकी गतिविधियों, समुद्री चक्रवात, आंधी-तूफान, वायुवेग, चोरी, अपहरण, हिंसा बढ़ सकती है। फलेश भी शनि होने के कारण पुष्प विकास व फलाव झड़ने से रोकने के लिए दवा, रसायनों का प्रयोग बढ़ेगा,

ये होगा ग्रहों का इस साल पर असर
राजा शनि- जनमानस आध्यात्म की अनुभूति करेगा। बारिश के नजरिए से प्राकृतिक प्रभाव परेशानी उत्पन्न करेगा।

मंत्री सूर्य- पूर्वोत्तर में उत्तम कृषि तथा धान्य की स्थिति में सुधार होगा। फलों का अधिक उत्पादन होने से रस पदार्थों में मंदी रहेगी।
सदयेश मंगल- पशुधन पर संकट रहेगा। संक्रमण का प्रभाव बढ़ेगा। दक्षिण के कुछ प्रांतों में पेयजल संकट होगा। सामाजिक अस्थिरता, हिंसात्मक घटनाएं होंगी।

धान्येश चंद्र- बारिश में आध्यात्मिक अनुष्ठान से स्थिति अच्छी होगी। पशुधन की सुरक्षा का का लाभ मिलेगा।
रसेस गुरु- श्रावण व भादौ में जल की स्थिति अच्छी रहेगी। जल स्रोत लबालब रहेंगे। औषधियों का उत्पादन बढ़ेगा।

रसेश गुरु, सस्येश मंगल, धान्येश चंद्र के पास, ये होगा असर

खरीफ का महकमा मंगल व रबी का चंद्रदेव के पास रहेगा, इससे ऋतु जनित प्रकोप से खरीफ पैदावार घट सकती है, जबकि रबी में आनुपातिक उत्पादन होगा। कृषि में नवाचारों पर शोध बढ़ेगा। रसेश गुरु के पास और निरसेश मंगल के पास होना शुभ संकेत देता है,
यह गुड़, शक्कर, घी, तेल-तिलहन, दूध रसादि के कार्य तथा चंदन, कर्पूर, मूली-गाजर, लहसुन, आलू, शकरकंद, अदरक, सौंठ, अरबी-कंदमूल का व्यवसाय लाभदायक रहेगा। मूंग, हल्दी, मसूर, लाल मिर्च, रक्तचंदन, तांबा, कोयला, रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल, क्रूड ऑयल, केरोसीन, सुगंधित पदार्थों में तेजी रहेगी। हल्दी, नींबू, अम्ल पदार्थों का उत्पादन कम होने से भावों में तेजी रहेगी।
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