
कोटा . आयुर्वेदिक, एलोपैथिक चिकित्सकों की तरह ही अब इलेक्ट्रोहोम्यौपैथी चिकित्सा पद्धति से ही इससे जुड़े चिकित्सक इलाज कर सकेंगे। वर्षों से चली आ रही इस चिकित्सा पद्दति को अब तक मान्यता नहीं थी। हाल ही में इस पद्धति को सरकार ने मान्यता दी है।
विधानसभा में इलेक्ट्रोपेथी चिकित्सा पद्धति-2018 विधेयक पारित किया गया। जानकारी के अनुसार अब इसके लिए बोर्ड का गठन किया जाएगा, जो चिकित्सा पद्धति के विकास, शिक्षा, चिकित्सक व रिसर्च की दिशा में कार्य करेगा। देश में राजस्थान पहला प्रदेश है, जहां इस पद्धति को मान्यता मिली।
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कोटा जिले में 50 से अधिक चिकित्सक
इस पद्धति से इलाज करने वाले कोटा जिले में 50 से अधिक चिकित्सक हैं। वहीं प्रदेश में इनकी संख्या 2000 से 2500 है। यह 15 से 16 वर्षों से इसकी मान्यता के लिए संघर्ष कर रहे थे। कोटा के विधायकों ने भी सरकार को इस बारे अनुशंसा की थी। इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. हेमंत सेठिया ने बताया कि चिकित्सा पद्धति को मान्यता के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे। मान्यता मिलने से लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
बनाई विशेष कमेटी
इस चिकित्सा पद्धति को मान्यता के लिए वैज्ञानिक एवं विधिक विश्लेषण कमेटी का गठन किया गया था। इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद के जिला सचिव डॉ. शादाब अहमद ने बताया कि वनस्पति विशेषज्ञ, फार्माकोलॉजी विशेषज्ञ, क्लिनिकल रिसर्च विशेषज्ञ, इलेक्ट्रोपैथी विशेषज्ञ व अन्य चिकित्सा पद्धतियों के विशेषज्ञों ने इलेक्ट्रोपैथी का इतिहास, पद्धति का परिचय, सिद्धांत व गुण अवगुण, इलेक्ट्रोपैथी साहित्य, दवा निर्माण में काम मेंं आने वाले पादप, दवा निर्माण विधि, प्रयोगशाला परीक्षण, दवाओं का रोगियों पर प्रभाव सहित वैज्ञानिक व विविध पहलुओं पर जांच के बाद अपना मत रखा कि यह पैथी सरल, सुलभ एवं निरापद है।
क्या है यह पद्दति
डॉ. आबिद खान शेरवानी के अनुसार इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति की खोज इटालियन काउंट सीजर मैटी ने 1865 में की थी। बाद में इसे इलेक्ट्रोपैथी नाम से जाना गया। विज्ञान की यह सबसे कम उम्र की चिकित्सा पद्धति है। इसमें दवाओं का निर्माण नॉन पोईजन एबल वनस्पति से किया जाता है। करीब 100 तरह के पौधों से इसकी दवाएं तैयार होती है। चिकित्सा पद्दति सस्ती, सुलभ व कारगर है। इलेक्टो का अर्थ शरीर में पाई जाने वाली धन व ऋणात्मक शक्ति , होमियो एक लेटिन शब्द है एवं पैथी का अर्थ पद्धति या सिद्धांत है।
Published on:
13 Mar 2018 11:48 am
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