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फिर सुलगेगा एटा सिंगरासर माइनर आंदोलन

locationकोटाPublished: Feb 12, 2017 05:57:00 pm

Submitted by:

jainarayan purohit

एटा सिंगरासर माइनर निर्माण की मांग को लेकर रविवार को एटा गांव में आयोजित प्रभावित 54 गाँवो के किसानों की चेतावनी सभा में प्रदेश सरकार के खिलाफ जम कर आक्रोश फूटा।

Minor demonstration

Minor demonstration

सूरतगढ़ ।

 एटा सिंगरासर माइनर निर्माण की मांग को लेकर रविवार को एटा गांव में आयोजित प्रभावित 54 गाँवो के किसानों की चेतावनी सभा में प्रदेश सरकार के खिलाफ जम कर आक्रोश फूटा।सभा में उपस्थित किसान नेताओ एवम प्रभावित गाँवो के किसानों ने इस बार आर पार की लड़ाई लड़ने की घोषणा की।
रविवार सुबह 11 बजे से संघर्ष समिति के संयोजक राकेश बिश्नोई श्योपत मेघवालआदि के नेतृत्व में सैकड़ो किसान इंदिरा गांधी मुख्य नहर के निकटवर्ती गाँव एटा में एकत्रित होने लगे , एवम गाँव के गुवाड़ में पड़ाव डाल दिया।किसानों की एकजुटता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह, पुलिस उपाधीक्षक अनार सिंह सहित सूरतगढ़ सदर, सिटी, जैतसर थानों सहित राजियासर थाना अधिकारियो ने मय जपते स्थिति पर नज़र बनाये रखी, वही तहसीलदार सिहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी स्थिति का जायजा लेते रहे। किसनो के साथ हुआ धोखा- संघर्ष समिति के अगुआ नेता कामरेड हेतराम बेनीवाल ने कहा कि कई दशकों से राजनैतिक उपेक्षा के कारण नहरी पानी से वंचित गंगानगर हनुमानगढ़ जिले के मात्र इन 54 गाँवों के लोगो के साथ प्रदेश की प्रत्येक सरकार ने धोखा किया है। 
ऐसा ही एक और धोखा आठ माह पूर्व वसुंधरा सरकार ने 102 दिन चले आंदोलन के बाद विगत 12 जून को हुए समझौते के बाद किया है।उन्होंने कहा कि उस समय हुए समझौते में सरकार के नुमाइंदों ने सिचाई विभाग के मुख्य अभियन्यता के नेरित्व में गठित कमेटी द्वारा आगामी आठ माह में पानी की उपलब्धता तलाश कर माइनर निर्माण की करवाने का वायदा किया था। लेकिन इन आठ माह में कमेटी ने कोई काम नही किया और यूँ ही वक्त गुज़ारा है। बेनिवल ने कहा की टिब्बा क्षेत्र का किसान इस बार बार बार हो रहे धोखे से परेशान हो चूका है।अब किसानों का गुस्सा बढ़ सकता है और आंदोलन उग्र रूप ले सकता है। उन्होंने कहा कि इस बार का आंदोलन सिर्फ टिब्बा क्षेत्र के किसानों का आंदोलन नही होगा बल्कि गंगानगर हनुमानगढ़ जिलों के किसान भी भाग लेंगे और आर पार का संघर्ष करेंगे।
 बहाने बना रही है कमेटी- टिब्बा क्षेत्र संघर्ष समिति के संयोजक राकेश बिशनोई ने कहा कि आज सरकार द्वारा मांगे गये आठ माह का समय पूरा हो गया है। अब भी सरकार द्वारा गठित कमेटी आठ माह का लेखाजोखा संघर्ष समिति को सौपने की बजाय अखबारों के माध्यम से तीन माह का समय और मांग रही है।उन्होंने कहा कि आठ माह के हाथ पर हाथ धरे बैठे कमेटी के सदस्य पहले तीन उनके द्वारा किये गए माइनर नुमान हेतु प्रयासो का लेखाजोखा किसानों और संघर्ष समिति के बीच रखे। उसके बाद ही किसान आगे समय देने पर विचार करेगा।बिशनोई ने कहा कि इस बार किसान आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है। 
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