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बीटेक की चार साल की पढ़ाई को आठ साल में भी पूरा न कर पाने वाले छात्रों को आरटीयू ने एक से ज्यादा मर्सी चांस दिए, लेकिन वर्ष 2006 से लेकर 2017 के बीच 1200 से ज्यादा छात्र इंजीनियर नहीं बन पाए। इन छात्रों को आरटीयू के प्रबंध मंडल ने शनिवार को बड़ी राहत दी। सभी छात्रों को बचे हुए प्रश्न-पत्र पास करने का आखिरी मौका दिया। इसके बाद भी यदि कोई छात्र बीटेक पास नहीं हो सकेगा तो उसे फेल घोषित कर दिया जाएगा।
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खटाई में पड़े वीसी कॉर्डिनेटर
विश्वविद्यालय प्रशासन ने डीन वीसी कॉर्डिनेशन के पद को वैध बनाने के लिए कार्यक्षेत्र, अधिकार और कार्य तय करने का प्रस्ताव बोम के सामने रखा था, लेकिन बोम ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। बैठक में तय हुआ कि उच्च स्तरीय समिति गठित कर इस पद की वैधता की जांच करवाई जाएगी। यदि समिति को लगेगा कि यह पद विवि नियमावली के अनुरूप है तो वह कार्यक्षेत्र और अधिकार तय करेगी।
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बोर्ड करेगा टेक क्यूब की निगरानी
विवि प्रशासन ने टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (टेक क्यूब) की निगरानी और उससे जुड़े वित्तीय फैसले करने का एकाधिकार कुलपति को सौंपने का प्रस्ताव रखा था। बोम ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए टेक क्यूब से जुड़े सभी निर्णय लेने के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नेंस गठित करने का फैसला किया। साथ ही एकल पदों पर कार्यरत कर्मचारियों का प्रमोशन करने के लिए उससे जुड़े नए पद सृजित करने का भी निर्णय किया। प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी कॉलेजों से संबद्धता शुल्क न वसूलने के प्रस्ताव को भी बोम सदस्यों ने खारिज करते हुए सभी कॉलेजों से संबद्धता शुल्क वसूलने का निर्णय किया।
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अपनी भाषा में भी पढ़ेंगे Human Values
इंजीनियरिंग छात्रों को मानवीय सरोकारों से जोडऩे और इंजीनियरिंग के मूल सिद्धांतों व नैतिक कत्र्तव्यों का पाठ पढ़ाने के लिए शैक्षणिक सत्र 2017-18 से ह्यूमन वैल्यूज का पाठ्यक्रम भी शुरू किया गया था। अभी तक इसकी पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से कराई जा रही थी लेकिन अंग्रेजी से अपनापन न होने के कारण छात्र इस पाठ्यक्रम से पूरी तरह जुड़ नहीं पा रहे थे। आरटीयू ने इस खामी को दूर करने के लिए इस पाठ्यक्रम को हिंदी में पढ़ाए जाने का प्रस्ताव बोम में रखा था। जिसे बोम ने सर्वसम्मति से पास कर दिया।