
कोटा. आईआईटी की स्थापना का सपना दिखाकर राज्य सरकार ने उसकी सौगात जोधपुर को दे दी। इसके बाद कोटा में भडक़े असंतोष को देखते हुए कोटा में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी) की स्थापना की घोषणा हुई। इसके बाद कोटा को इसकी सौगात भी दी गई, लेकिन वह अभी अधूरी है।
इस संस्थान की स्थापना के सात साल बाद भी कोटा में भवन नहीं बन पाया है। अभी तक ट्रिपल आईटी कोटा की कक्षाएं मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर में संचालित की जा रही हैं। कोटा के विधायकों ने मंत्री के रूप में कई बार सरकार में प्रतिनिधित्व किया, लेकिन ट्रिपल आईटी का भवन बनाने में किसी ने रुचि नहीं ली।
इस साल गत सितम्बर माह में कोटा में भवन निर्माण करने के लिए राज्य सरकार ने राज्यांश के रूप में 7 करोड़ 46 लाख रुपए का अतिरिक्त प्रावधान करने की स्वीकृति दे दी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी स्वीकृति इस शर्त पर दी है कि राशि का उपयोग आरटीपीपी एक्ट और अन्य नियमों की पालना करते हुए उपयोग किया जाए। केन्द्र से 19 करोड़ 38 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है। अब राज्य और केन्द्र दोनों का अंश मिलने के बाद कोटा में भवन तैयार होने की उम्मीद जगी है, लेकिन प्रयास तेज करने होंगे।
कई बैच हो चुके पासआउट
वर्ष 2011 में कोटा में ट्रिपल आईटी की स्थापना की घोषणाहुई थी, लेकिन भवन अभी तक नहीं बन पाया। वर्ष 2013 में स्थापित इस संस्थान में प्रवेश हर साल हो रहे हैं और कई बैच पासआउट हो चुके हैं।
रानपुर में बनाना है भवन
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, कोटा राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। भारत सरकार और पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में उद्योग भागीदारों के साथ राजस्थान के इस संस्थान की स्थापना 2013 में की गई थी। कोटा रानपुर में 100.37 एकड़ भूमि पर इसके भवन का निर्माण किया जाएगा।
अभी तक की यह प्रगति
रानपुर में बनाए जा रहे परिसर में पेड़ लगाने के साथ-साथ सीमा की दीवार का कार्य हो पाया है। इस भवन में निदेशक कार्यालय, कॉन्फ्रेंस हॉल, लेखा और स्थापना ब्लॉक, व्याख्यान थिएटर की पर्याप्त संख्या के साथ अकादमिक ब्लॉक, लैब और फैकल्टी केबिन, 200 से अधिक व्यक्तियों की क्षमता वाला संगोष्ठी हॉल, कम्प्यूटर सेंटर, लाइब्रेरी, वर्कशॉप और स्टोर, छात्र और छात्राओं के केंद्र, छात्रावास, गेस्ट हाउस, निदेशक आवास और कर्मचारी निवास, वर्षा जल संचयन संरचना, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, ओवरहैड टैंक जैसे अन्य विकास कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाना प्रस्तावित है।
Updated on:
30 Nov 2020 11:33 am
Published on:
30 Nov 2020 11:32 am
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