
राजस्थान में बिक रहे कश्मीर में उगने वाले ट्यूलिप के नकली पौधे
धीरेन्द्र तंवर
कोटा. ठण्डे प्रदेशों में उगने वाले मनमोहक रंगबिरंगे 'ट्यूलिपÓ के नकली पौधे इन दिनों राजस्थान के कई जिलों में बिक रहे हैं। कोटा, अजमेर, जयपुर, भीलवाड़ा, पाली सहित अन्य जिलों में नकली पौधे बेचने के गिरोह सक्रिय हैं। ये लोग जलकुंभी के डंठल को ट्यूलिप बताकर लोगों को ठग रहे हैं। लोग पौधा खरीदकर ले तो जाते हैं, लेकिन बाद में हकीकत पता चलने पर अपने को ठगा महसूस करते हैं।
कोटा में नासिक (महाराष्ट्र ) के बुलढाना जिले से आए ये लोग ट्यूलिप बताकर जलकुंभी के जड़ सहित डंठल बेच रहे हैं। गिरोह से जुड़े लोगों को कोटा में झालावाड़ रोड, नयापुरा, स्टेशन रोड, जेडीबी कॉलेज के सामने व बोरखेड़ा, अजमेर के आनासागर सरक्यूलर रोड, वैशालीनगर व माकड़वाली रोड तथा जयपुर शहर के वैशालीनगर, मानसरोवर आदि कई जगहों पर नकली ट्यूलिप पौधे बेचते देखा जा रहा हैं। इन पौधों को बेचने वाली महिला ने बताया कि यह पौधे ठेकेदार के हैं तथा नासिक से ट्रक भरकर लाए हैं। वे तो मजदूर है और ठेकेदार उन्हें बिक्री पर कमीशन देता है। कोटा शहर में ५०-६० लोग एेसे पौधे बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान के कोटा सहित अजमेर, जयपुर, भीलवाड़ा, पाली अन्य जिलों में भी उनके गांव के कई लोग पौधे बेचने ठेकदार के साथ गए हैं।
देखो साब ऐसा आएगा फूल
जलकुंभी के डंठल को ऊपर से लाल, गुलाबी, नीले, पीले, बैंगनी सहित १० रंगों में किया गया है। उक्त रंग का ट्यूलिप का फूल आने की बात कहते हैं। टयूलिप के पोस्टर दिखाकर फूल का रंग बताते हैं। १०० रुपए में चार जलकुंभी के ये डंठल दिए जा रहे हैं। मोल-भाव करने पर ये लोग कम कीमत में भी देने को तैयार हो जाते हैं।
ठण्डे प्रदेशों में उगता है ट्यूलिप
कृषि विशेषज्ञ रामराज ने बताया कि ट्यूलिप पौधा लीली परिवार का सदस्य है। ये ज्यादातर पहाड़ी व ठण्डे प्रदशों में ही उगता है। भारत में यह फूल कश्मीर व हिमाचल में उगाया जाता है। वहीं नीदरलैंड में इसकी सबसे अधिक खेती होती है। ट्यूलिप के छोटे प्याज के आकार के बल्ब होते हैं न कि जड़दार डंठल। हॉर्टीकल्चर विशेषज्ञ दिनेश कुमार शर्मा व शहर में जो पौधे बेचे जा रहे हैं वह ट्यूलिप नहीं है। यह जलकुंभी की प्रजाति है। ट्यूलिप के नाम पर जलकुंभी बेचकर ये लोग ठग रहे हैं।
Published on:
03 Oct 2021 09:53 am
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