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लहसुन बना जी का जंजाल, गि‍रे भाव देख एक और किसान ने पिया कीटनाशक

locationकोटाPublished: Apr 22, 2018 11:27:49 pm

Submitted by:

Deepak Sharma

कर्ज में डूबे एक और कि‍सान ने लहसुन के गि‍रे भाव देखकर कीटनाशक पीकर जान देने का प्रयास कि‍या।

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farmer attempt suicide for low price of garlic

कोटा . लहसुन की सरकारी खरीद नहीं होने से हाडौती के कि‍सान अब हताश होने लगे हैं। स्‍थानीय मंडी में लहसुन पांच से दस रुपए कि‍लो बि‍क रहा है, जबकि‍ केन्‍द्र सरकार की बाजार हस्‍तक्षेप योजना के तहत अब लहसुन 32.57 रुपए कि‍लो खरीदा जाना है, लेकि‍न सरकारी उदासीनता के चलते अब तक केवल रजि‍स्‍ट्रेशन ही हो रहे हैं। मजबूर कि‍सान बाजार में सस्‍ते दामों में लहसुन बेचने को मजबूर है। कर्ज में डूबे एक और कि‍सान ने लहसुन के गि‍रे भाव देखकर कीटनाशक पीकर जान देने का प्रयास कि‍या। अब वह अस्‍पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। पि‍छले दि‍नों बारां नि‍वासी कि‍सान ने भी लहसुन के भाव से तनाव में आकर कीटनाशक खाकर जान दे दी थी।
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झालावाड जि‍ले के गांव वाजिंदपुरा के किसान ने शनिवार देर शाम कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया। उसका झालावाड़ एसआरजी अस्पताल में इलाज जारी है। पुलिस ने बताया कि बदेसिंह लोधा (40) मंडी में लहसुन के दाम कम से परेशान था। उसने शनिवार देर शाम खेत पर ही कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया। ग्रामीणों को पता चलने पर तुरंत उसे झालावाड़ अस्पताल पहुंचाया। मरीज अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। बदेसिंह पड़ोस के गांव गोविन्दपुरा में 8 से 10 बीघा जमीन पाती लेकर लहसुन की बुवाई अधिक की। कई किसानों ने कर्जा भी लिया। अब लहसुन के भाव गिरने से अवसाद में आ गया और उसने कीटनाशक पी लि‍या। तबीयत बि‍गडने पर ग्रामीणों ने उसे अस्‍पताल में भर्ती कराया।
इससे पहले बारां जिले के रहलाई गांव में विषाक्त खाकर एक किसान ने जान दे दी। बुधवार शाम विषाक्त खाने से तबीयत बिगडऩे पर उसे रात को बारां लाया गया था, बारां से कोटा रैफर किया गया, जहां गुरुवार अलसुबह उसका दम टूट गया। मृतक पर कर्जा होने व लहसुन के भावों में गिरावट से हताश होकर जान देने की बात सामने आई है।
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जानकारी के अनुसार किसान रेवड़ीलाल मेघवाल (60) के पास 15 बीघा जमीन है। इसमें सात बीघा में लहसुन बोया था। पहले ही वह कर्ज से परेशान था। ऐसे में लहसुन के टूटे भावों से वह अवसाद में आ गया। बुधवार को वह बारां गया था, जहां लहसुन के भाव डेढ़ रुपए किलो बताए गए। इससे हताश होकर वह गांव लौट गया। शाम को उसने विषाक्त खा लिया। मृतक के पुत्र रामस्वरूप की ओर से भी पुलिस को इस आशय की रिपोर्ट दी गई है। शाम को अटरू तहसीलदार, पटवारी आदि व पुलिस वृत्त निरीक्षक भी मृतक के घर पहुंच गए।
अटरू थानाधिकारी विजय कुमार ने बताया कि ‘किसान रेवड़ीलाल को बारां से कोटा रैफर करने के बाद वहां ले जाया गया था। कोटा में उसकी मृत्यु हो गई। उसके पुत्र रामस्वरूप की ओर से कर्ज से परेशान होने का रिपोर्ट में जिक्र किया गया है।
मंडियों में बिक रहा औने पौने दामों में
हाड़ौती में कोटा भामाशाह, थोक फल मंडी, छबड़ा, बारां, छीपाबड़ौद, झालरापाटन मंडी में लहसुन की आवक हो रही है। जहां पर 500 से 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक के भाव में लहसुन बिक रहा है।
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