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पहले खंड विकास अधिकारी का चार्ज लिया, फिर शुरू कर दिया रिश्वत का खेल

राज्य के पंचायतीराज मंत्री रमेश मीना गुरुवार को जिला परिषद के सभागार में अधिकारियों को पारदर्शिता के साथ काम करने का पाठ पढ़ा रहे थे। वहीं इसी बीच सुल्तानपुर में कार्यवाहक खंड विकास अधिकारी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।

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कोटा. कोटा जिले में एसीबी ने गुरुवार को सुल्तानपुर पंचायत समिति के सहायक अभियंता व कार्यवाहक विकास अधिकारी विश्राम सिंह मीणा को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। एसीबी टीम ने आरोपी के सरकारी आवास सहित करौली व जयपुर स्थित आवासों की भी तलाशी ली। आरोपी सहायक अभियंता के पद पर है, लेकिन खंड विकास अधिकारी का पद रिक्त होने पर पहले उसने जुगाड़ लगाकर खंड विकास अधिकारी के पद का चार्ज लिया और फिर शुरू कर दिया रिश्वत का खेल। यहां राजस्थान ग्रामीण विकास सेवा के अधिकारी के तबादले के बाद सहायक अभियंता को ही इसका प्रभार दे रखा था। एसीबी के उपाधीक्षक विजय सिंह ने बताया कि फरियादी बालापुरा कुन्हाड़ी हाल निवास श्रीनाथ विहार बूंदी रोड हरविंदर सिंह ने बुधवार को एसीबी में दी रिपोर्ट में बताया कि स्वयं व मुंशी ओमप्रकाश की फर्म शिवांग एंटरप्राइजेज व वंश एंटरप्राइजेज की ओर से पंचायत समिति सुल्तानपुर में निर्माण सामग्री सप्लाई का काम किया जा रहा था। सामग्री सप्लाई में ग्राम पंचायत बम्बोरी के गांव ककरावदा में शमशान के रास्ते में इंटरलाकिंग के काम को आरोपी विश्राम सिंह ने बंद करवा दिया। काम बंद करवाने पर आरोपी विश्राम सिंह से मिले तो आरोपी ने निर्माण सामग्री को पास करने की एवज में 1 लाख रुपए बतौर रिश्वत की मांग की। वह रिश्वत नहीं देना चाहता। फरिवादी की शिकायत पर एसीबी ने 2 फरवरी को ही रिश्वत मांग का सत्यापन करवाया गया। सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि होने पर ट्रेप कार्रवाई के लिए गुरुवार को फरियादी हरविन्द्र सिंह 50 हजार रुपए लेकर आरोपी विश्राम सिंह के पास गया। आरोपी को फरियादी से सुल्तानपुर पंचायत समिति परिसर स्थित सरकारी आवास में 50 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। एसीबी ने रिश्वत राशि आरोपी के कोट की दाहिनी जेब से प्राप्त कर ली। ट्रेप कार्रवाई में पुलिस निरीक्षक वासुदेव, हैडकांस्टेबल असलम खान, कांस्टेबल पवन कुमार, नरेश यादव, कीर्ति शामिल रहे।

आरोपी पहले भी ले चुका डेढ़ लाख रिश्वत
फरियादी हरविंदर सिंह ने बताया कि पंचायत में अन्य स्थानों पर भी निर्माण सामग्री सप्लाई का काम चल रहा था। आरोपी सहायक अभियंता विश्राम सिंह मीणा ने पहले भी फरियादी से एक बार 1 लाख व दूसरी बार 50 हजार रुपए रिश्वत ले चुका। अब ककरावदा में शमशान की इंटरलाकिंग के कार्य में भी 1 लाख रुपए रिश्वत की मांग की और रिश्वत टुकड़ों में न देकर एक साथ देने के लिए कहा था। आरोपी को अक्टूबर 2021 से ग्राम विकास अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार सौंप रखा था।

सरकारी आवास की तलाशी में मिली 1 लाख से ज्यादा नकदी
पुलिस उपाधीक्षक विजय सिंह ने बताया कि आरोपी विश्राम मीणा के सुल्तानपुर पंचायत समिति परिसर में सरकारी आवास की तलाशी में 1 लाख 9 हजार रुपए नकद मिले हैं। उन्होंने बताया कि एसीबी टीम आरोपी के करौली व जयपुर में जगतपुरा स्थित आवास की तलाशी ले रही है। 2-3 प्लाटों का कागजात मिले हैं। दोनों जगह मकानों की तलाशी का काम अभी जारी है।