
मां से वन विभाग की बेवफाई, आस्था को ला दिए पसीने
मोड़कस्टेशन.
हजारों लोगों की आस्था व विश्वास की प्रतीक प्रसिद्ध पाला की माताजी मन्दिर तक जाने वाले पुराने मार्ग को वन विभाग की ओर से बंद कर देने व नया मार्ग नहीं बनाने से मंदिर समिति के लोगों व ग्रामीणों में रोष है। सुगम राह के अभाव में इस बार नवरात्र में माता के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं को परेशान होना पड़ेगा। मन्दिर समिति ने वन विभाग के अधिकारियों पर वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है। जानकारी के अनुसार मुकुन्दरा पर्वत माला पर घाटी माता मन्दिर के नाम से वर्षो पुराना राजपूत समाज की कुलदेवी खोडियार माता का मंदिर बना हुआ है। मंदिर से क्षेत्र के हजारों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। यहां प्रतिवर्ष हाड़ौती, मध्यप्रदेश, गुजरात आदि स्थानों से हजारों लोग दर्शन करने आते हैं। मन्दिर पर नवरात्र में नौ दिन तक श्रद्धालुओं का दर्शनों के लिए तांता लगा रहता है।
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पहले सीधा था मार्ग
घाटी माता मंदिर तक जाने के लिए पहले नेशनल हाइवे पर स्थित दरा गांव से सीधा रास्ता बना हुआ था जो ऊपर पहाड़ी तक आता था। सरकार की ओर से दरा अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित करने व टाइगर छोडऩे से मंदिर पहुंचने का यह रास्ता बन्द कर दिया था। मन्दिर समिति व ग्रामीणों के विरोध के बाद वन विभाग ने दरा की नाल से कूकड़ा कला होते हुए मंदिर तक मार्ग बनाने का वादा किया था। विभाग की ओर से मंदिर से उतरने के लिए पहाड़ी काट कर मार्ग भी बनाया लेकिन उसे अब बजट खत्म होने का बहाना बनाकर अधूरा ही छोड़ दिया है। इससे वाहन अब ऊपर पहाड़ी तक नहीं पहुंच पाते। पहाड़ी तक पहुंच मार्ग नहीं होने से मन्दिर पर आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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पानी में बह गई मिट्टी
वन विभाग की ओर से बनाए गए मार्ग पर पत्थर व मिट्टी डलवाई थी। बारिश में यह मिट्टी बह गई। अब सड़क के नाम पर पत्थर ही रह गए हैं। समिति के लोगों का कहना है कि मंदिर पर नवरात्र के दौरान भंडारे होते हैं लेकिन रास्ते के अभाव में वहां सामान पहुंचाने में भी परेशानी हो रही है। पांच सौ मीटर सड़क बन जाए तो श्रद्धालुओं को सुविधा होगी।
समिति बनवा रही मार्ग
वन विभाग की ओर से मन्दिर मार्ग अधूरा छोड़ देने व नवरात्रि में आने वाले श्रद्धालुओं की परेशानियों को देखते हुए मन्दिर समिति की ओर से अपने स्तर पर ही रास्ता बनवाया जा रहा है। समिति की ओर से चार दिन से मशीन चलाकर पहाड़ी पर वाहनों के चढऩे लायक रास्ता बनवाने का प्रयास किया जा रहा है।
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नहीं बनाया रास्ता
मुख्य पुजारी गोरल देवी कहती हैं कि टाइगर रिजर्व बनाते समय वन विभाग ने कूकड़ा कला से मन्दिर तक पक्की सड़क बनाने की बात कही थी। विभाग ने पुराना रास्ता भी बन्द कर दिया व नया रास्ता भी नहीं बनाया है। यदि विभाग ने मन्दिर तक सड़क निर्माण पूरा नहीं किया तो समिति ग्रामीणों के साथ आंदोलन को मजबूर होगी। इधर, एसीएफ , मुकन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व दीपक कुमार का कहना है कि पहाड़ी को काटकर मन्दिर तक पहुंच मार्ग बनवा दिया है। कुछ काम शेष रह गया है जिसे जल्द पूरा करवा देंगे।
Published on:
09 Oct 2018 07:00 am
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