Human Storie: जिस बेटी के जिंदा होने की उम्मीद खो चुकी थी मां, वह आंखों के सामने थी…
मांडलगढ़ कोर्ट के अंतरिम जमानत के आदेश से शिवराज सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच आकाशवाणी कॉलोनी स्थित उनके ताऊ के मकान पर लाया गया। वह यहां दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक रहा। इस दौरान उसके हथकड़ी लगी हुई थी। कड़ी सुरक्षा के बीच मकान के ऊपरी हिस्से में बने कमरे में रखा गया। यहां उससे मिलने बड़ी संख्या में लोग व परिजन पहुंचे। शाम को वह पगड़ी दस्तूर में शामिल हुआ। इसके बाद अदालत के आदेश से समय पूरा होते ही सुरक्षाकर्मी उसे लेकर वापस सेवर जेल के लिए रवाना हो गए। जितने समय वह मकान में रहा पुलिस कर्मियों ने पूरे इलाके को घेर रखा था।
मांडलगढ़ कोर्ट के अंतरिम जमानत के आदेश से शिवराज सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच आकाशवाणी कॉलोनी स्थित उनके ताऊ के मकान पर लाया गया। वह यहां दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक रहा। इस दौरान उसके हथकड़ी लगी हुई थी। कड़ी सुरक्षा के बीच मकान के ऊपरी हिस्से में बने कमरे में रखा गया। यहां उससे मिलने बड़ी संख्या में लोग व परिजन पहुंचे। शाम को वह पगड़ी दस्तूर में शामिल हुआ। इसके बाद अदालत के आदेश से समय पूरा होते ही सुरक्षाकर्मी उसे लेकर वापस सेवर जेल के लिए रवाना हो गए। जितने समय वह मकान में रहा पुलिस कर्मियों ने पूरे इलाके को घेर रखा था।
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गौरतलब है कि 12 मई 2009 को चित्तौडगढ़़ में मेनाल इलाके में भानू प्रताप गैंग ने बृजराज सिंह की हत्या कर दी थी। अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए कुख्यात गैंगस्टर शिवराज सिंह ने भाई सूरज सिंह के साथ मिलकर पुलिस कस्टडी में भानू की हत्या की साजिश रची थी। अप्रेल 2011 में भानुप्रताप को उदयपुर सेंट्रल जेल से पुलिस झालावाड़ में पेशी पर लेकर जा रही थी। रास्ते में बिजौलिया इलाके में मेनाल के पास दो गाडिय़ों में सवार होकर आए गैंगस्टर शिवराज सिंह, सूरज भदौरिया 16 अन्य साथियों ने भानू प्रताप सिंह को लेकर जा रही पुलिस वैन को पीछे से टक्कर मारी। इसके बाद अंधाधुंध फायरिंग कर भानू, कमांडो प्रकाश सोहनलाल की हत्या कर दी थी।