
सांगोद में गौरव पथ पर लगी रोड लाइटें जो बीते कई दिनों से बंद पड़ी है।
कोटा.
ग्रामीणों को जिस पथ पर चलने मात्र से फख्र का भाव महसूस हो उसे ही गौरव पथ कहा जाना चाहिए। है ना! लेकिन राजस्थान में राÓय सरकार की ओर से गांव गांव में जो गौरव पथ बनाए जा रहे उनमें मंशा भले ही सरकार की यही रही हो लेकिन जमीन पर तो हालात उल्टे ही हैं।
जिले का कोई छोर ऐसा नहीं दिखता कि गर्व से कहा जाए यह गौरव पथ है। ताजा तस्वीर हम आपको सांगोद कस्बे की दिखा रहे हैं।
यहां गायत्री चौराहा से जोलपा रोड स्थित सीबीईओ कार्यालय तक करोड़ों रुपए की लागत से बना गौरव पथ दो विभागों में फंसकर रह गया है। हालत यह है कि यहां बीते कई दिनों से गौरव पथ की रोड लाइटें बंद पड़ी है। लेकिन कोई इसकी सुध नहीं ले रहा। ऐसे में शाम होते ही पूरे गौरव पथ पर अंधेरा पसर जाता है। इससे यहां टहलने जाने वाले लोगों एवं वाहन चालकों को भी आवागमन में परेशानी होती है।
उल्लेखनीय है कि यहां गत वर्ष नगर पालिका क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी विभाग ने करोड़ों रुपए की लागत से गौरव पथ बनाया। रात्रि में उजाले के लिए हाई मास्ट लाइटें भी लगाई गई। कुछ अरसे तो रात में गौरव पथ का गौरव देखते ही बन रहा था। लेकिन बाद में गौरवपथ पर लगी रोड लाइटें बंद हो गई। पार्षद अरविन्द चौरसिया ने बताया कि गौरव पथ पर रोजाना सुबह-शाम बड़ी संख्या में लोग टहलने जाते है। लेकिन रोड लाइटें बंद होने से लोगों को भी परेशानी होती है। खासकर महिलाओं ने तो रोड लाइट बंद होने के बाद से इस मार्ग पर टहलना जाना तक छोड़ दिया है। वहीं मार्ग पर घुमाव भी अधिक हैं। ऐसे में बिना रोड लाइट अंधेरा होने से रात्रि में आवागमन करने वाले वाहन चालकों को भी आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है। बंद पड़ी रोड लाइटों की ना तो नगर पालिका प्रशासन सुध ले रहा है और ना ही पीडब्ल्यूडी विभाग।
इन्हें तो पता ही नहीं है
मामले में पत्रिका डॉटकॉम ने जब नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सुरेश रैगर से बात की तो उन्होंने दो टूक कहा कि रोड लाइटें बंद होने की जानकारी नहीं है। साथ ही जोड़ा कि ऐसा है तो शीघ्र रोड लाइटों को दुरुस्त करवाने के प्रयास किए जाएंगे।
Published on:
11 Aug 2019 07:00 am
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