18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘ कांग्रेस का विधायक था, फिर भी नहीं किया भेदभाव’

गौरव यात्रा: बूंदी जिले में मुख्यमंत्री का रथ नहीं, हैलीकॉप्टर घूमा, पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत पर साधा निशाना

3 min read
Google source verification
kota news

' कांग्रेस का विधायक था, फिर भी नहीं किया भेदभाव'

बूंदी.केशवरायपाटन, हिण्डोली. राजस्थान गौरव यात्रा सोमवार को बूंदी जिले में रही। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हैलीकॉप्टर से केशवरायपाटन, बूंदी और हिण्डोली पहुंचकर सभाएं की। बूंदी जिले में राजे का रथ नहीं, हेलीकॉप्टर घूमा। राजे ने कहा कि 'मैं ऐसी एक मुख्यमंत्री हूं, जो मंच पर खड़ी होकर हिसाब दे रही हूं। वे सुबह केशवरायपाटन पहुंची और कृषि उपज मंडी परिसर में सभा को संबोधित किया। इसके बाद वे हैलीकॉप्टर से बूंदी आईं और हायर सैकण्डरी स्कूल मैदान में सभा की। शाम को हिण्डोली के गणेश बावड़ी स्टेडियम में सभा हुई। सभा के साथ यात्रा का हाड़ौती में समापन हुआ।

गर्व है राजस्थान के अध्यापकों पर जिन्होंने शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाया
राजे ने बूंदी में कहा कि गर्व है राजस्थान के अध्यापकों पर जिन्होंने शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाया। प्रदेश को देश में शिक्षा के क्षेत्र में 26वें स्थान से दूसरे स्थान पर ले आए। हमारे शिक्षक इसी प्रकार मेहनत करेंगे और नम्बर वन होंगे। राजे ने कहा कि प्रदेश में 85 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई। अब मात्र दो फीसदी शिक्षकों के पद रिक्त रहे हैं। युवाओं के लिए हर जिले में रोजगार मेले लगाए गए, जिनमें प्रदेश के साढ़े पन्द्रह लाख युवाओं को उद्योगों में नौकरियां मिली। साढ़े तीन लाख को और मिलने वाली हैं। इसलिए सरकार ने युवाओं को नौकरी दिलाने का वादा भी पूरा कर दिया है। उन्होंने बूंदी की धरती को प्रणाम के साथ भाषण की शुरुआत की और जय-जय राजस्थान के साथ समापन किया।

बूंदी का कौनसा काम पूरा नहीं हुआ
राजे ने बूंदी विधायक अशोक डोगरा को पास खड़ा करके एक-एक वादे का हिसाब गिनाया। विधायक से पूछा भी कि कौनसा वादा पूरा नहीं हुआ। वह हर वादे पर विधायक से हां भरवाती रहीं। राजे ने कहा कि बूंदी में 18 सौ करोड़ रुपए विकास के लिए दिए हैं। सबसे बड़ी उपलब्धि बूंदी की 22 सौ बीघा जमीन को वनभूमि से मुक्त कराना बताया। उन्होंने कहा कि जनवरी 2017 में डि-नोटिफिकेशन भी जारी हो गया। साथ ही शेष रही जमीन के प्रस्ताव तैयार कर लेने की जानकारी दी। गरड़दा बांध का 107 करोड़ की लागत से 2020 तक पुनर्निर्माण हो जाएगा। उन्होंने सड़कें, बांध और चम्बल की नहरों में हो रहे काम भी गिनाए।

पैसा का रोना नहीं रोया
राजे ने सभाओं में कहा कि हमने पैसों का रोना कभी नहीं रोया। इ''छा शक्ति हो तो पैसा आ जाता है। पैसे का रोना रोने पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर इशारा किया। राजे ने पचास हजार रुपए का कर्जा माफ करने के निर्णय को पहली बार किया गया काम बताया।

अब लक्ष्मी बनकर आएंगी बेटी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब घरों में बेटी लक्ष्मी बनकर आएंगी। वर्तमान में सरकार ने उसके पैदा होने से लेकर वृद्धावस्था तक पहुंचने के लिए योजनाएं लागू की हैं। राजे ने बेटियों को दिए जा रहे साइकिल, स्कूटी और लैपटॉप भी गिनाए। सुरक्षा को लेकर कहा कि हमारी बेटियों की ओर अब किसी ने आंख उठाकर भी देखा तो फांसी की सजा होगी।

साथ देते रहें इतिहास बदलना हैं
राजे ने सभाओं में खुलकर जन समर्थन मांगा। उन्होंने कहा कि आप साथ देते रहें, साथ रहे, राजस्थान अग्रणी होगा। इस बार प्रदेश में इतिहास बदलना हैं। पूर्व की सरकार ने इंदिरा आवास दिए थे आज भी दीवारें खड़ी हैं जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घर ही नहीं उनमें हमारी बहनों के लिए चूल्हे तक उपलब्ध करा दिए हैं।

कांग्रेस का विधायक था, फिर भी नहीं किया भेदभाव
हिण्डोली की सभा में कहा कि कांग्रेस का विधायक था फिर भी विकास में कोई भेदभाव नहीं किया। क्षेत्र के विकास में पन्द्रह सौ करोड़ रुपए खर्च किए हैं। राजे ने कहा कि कांग्रेस को भामाशाह कार्ड खल रहा है, लेकिन इससे हमारी बहनें मजबूत हुई हैं।

कोई काम अधूरा नहीं छूटा
केशवरायपाटन की सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि चाकन बांध बनाया गया। झालीजी का बराना में मेजनदी पर पुलिया की स्वीकृति हो गई है, इसकी घोषणा की थी। गेंता-माखिदा पुलिया बनकर तैयार हो गया। जो व्यवधान आया हुआ है उसे भी दूर कर लेंगे। राजे ने कहा कि आपके विधायक केबिनेट मंत्री बाबूलाल वर्मा विकास को लेकर पूरे साढ़े चार साल तक पीछे पड़े रहे। अब यहां विकास के लिए कोई काम अधूरा नहीं छूटा है।

केशव के नहीं हुए दर्शन, धरी रह गई स्वागत की तैयारियां
गौरव यात्रा के निर्धारित कार्यक्रम में ऐनवक्त पर किए बदलाव से कई जगहों पर तैयारियां धरी रह गई। राजे केशवरायपाटन निर्धारित समय से तीन घंटे देरी से पहुंची। ऐसे में भगवान केशव मंदिर के पट बंद हो गए। राजे भगवान केशव के दर्शन नहीं कर सकी। राजे को हिण्डोली तक रथ से जाना था, लेकिन वह हेलीकॉप्टर से पहुंची। ऐसे में बूंदी शहर सहित हिण्डोली तक के रास्ते पर स्वागत की तैयारियां धरी रह गई।