
बड़ी खबर: राजस्थान सरकार ने प्रतिबंधित जगह पर खोल दिया स्कूल, मामला खुला तो फंस गए अफसर
रावतभाटा. रावतभाटा से 25 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत श्रीपुरा के राजकीय प्राथमिक स्कूलनासेरा का स्वयं का भवन नहीं है। बच्चे गांव के बीच बने चबूतरे पर पढ़ते हैं। बारिश आ जाए तो बच्चों को पास ही स्थित कवेलूपोश मकान में अध्ययन कराना पड़ता है। स्कूल में 39 विद्यार्थियों का नामांकन है। जिस जगह पर स्कूल खुला है वह वन क्षेत्र में आती है। ( Government primary school) नियमानुसार वन क्षेत्र में भवन का पक्का निर्माण नहीं करवा सकते और पक्के भवन के बिना राजकीय स्कूलखोलने की मान्यता नहीं मिल सकती। ऐसे में यहां स्कूल खोलने की मान्यता कैसे मिल गई, यह अधिकारियों के भी समझ में नहीं आ रहा। जानकारों के अनुसार वन क्षेत्र में स्कूल नहीं खोला जा सकता।
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यहां छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए तैनात मात्र दो शिक्षिकाएं सीमा शर्मा व आशिका बताती हैं कि स्कूल वन क्षेत्र में है। इसलिए यहां पर पक्के मकान, सड़क व नाली बनाने की वन विभाग की ओर से स्वीकृति नहीं है। यहां भील परिवार रहते हैं। ये कवेलूपोश मकान बनाकर रहते हैं। पीईईओ औंकारलाल वैष्णव ने बताया कि वन विभाग की ओर से पक्का बनाने की स्वीकृति नहीं है। इसलिए स्कूल का स्वयं का भवन नहीं है। न ही आसपास कोई दूसरी व्यवस्था है।
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पड़ोस में रखते हैं सामग्री
छात्र-छात्राओं का मिड डे मील बनाने के लिए खाद्य सामग्री नियामनुसार मंगवाई जाती है। बच्चों को पढ़ाने के लिए ब्लैक बोर्ड, चॉक डस्टर, बैठाने के लिए दरी पट्टी सहित अन्य सामग्री उपलब्ध है लेकिन भवन नहीं होने से यह सामग्री पड़ोस में किसी के मकान में प्रतिदिन रखनी पड़ती है।
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अफसरों को नहीं आ रहा समझ
नियमानुसार स्कूल खोलने की मान्यता तब मिलती है, जहां पर बच्चों को पढ़ाने के लिए स्वयं का या फिर किराए पर भवन उपलब्ध हो पाए लेकिन पीईईओ व प्रशासनिक अधिकारी स्वयं भी यह समझ नहीं पा रहे हैंं कि आखिर बिना भवन के स्कूल खुलने की मान्यता कैसे मिली। पीईईओ ने कहा कि उन्हें पदभार संभाले करीब डेढ़ साल हुआ है। यहां पर कैसे खुला है। ( government school on forest land ) यह वह भी समझ नहीं पा रहे हैं।
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निरीक्षण में समने आई हकीकत
उपखंड अधिकारी रामसुख गुर्जर इन दिनों लगातार सरकारी स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों में मिड डे मील का निरीक्षण कर रहे हैं। इसी दौरान वे सोमवार को इस स्कूल में पहुंचे तो स्थिति देखकर दंग रह गए। उपखंड अधिकारी ने बताया कि बच्चों के लिए खाने के लिए सब्जी रोटी बनाई हुई थी। मिड डे मील गुणवत्ता पूर्ण था। स्कूल का स्वयं का भवन नहीं है। इसको लेकर उच्चाधिकारियों को लिखा जाएगा।
Published on:
03 Aug 2019 09:00 am
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