
Hand blast in bomb exploded on diwali
कोटा में दीपावली पर आतिशबाजी करते समय 60 जनों की आंखें जख्मी हो गई, इनमें से कुछ की रोशनी भी चली गई है। वहीं 38 जने झुलस गए। इन्हें अलग-अलग अस्पतालों में इनका इलाज किया गया। वहीं 18 साल की एक युवती का तो सुतली बम चलाने के दौरान धमाके के साथ हाथ ही उड़ गया।
सुतली बम से उड़ा हाथ
तलवंडी क्षेत्र में निजी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. आलोक गर्ग ने बताया कि उनके हॉस्पिटल में 37 आतिशबाजी से झुलसने के केस आए हैं। दिवाली की रात श्योपुर के पास बोरस गांव निवासी 18 वर्षीय युवती मोहिनी का सूतली बम से हाथ ब्लास्ट होने का केस आया है। बाएं हाथ में बम फटने से अंगूठा हाथ से अलग हो गया। हथेली दो भागों में बंट गई। चार अंगुलियां उड़ कर आधी रह गई। हाथ की हड्डि़यों में फ्रेक्चर हो गया। बाएं कान का परदा फट गया। साढ़े चार घंटे चले ऑपरेशन के बाद हाथ की सर्जरी कर जोड़ा गया। उन्होंने बताया कि इनमें चकरी हाथ में ब्लास्ट होने वाले 9, अनार से 16, सूतली बम से 3, रोगन से जलने के 4 केस आए हैं। फूलझड़ी से 5 बच्चे झुलसे हैं। उधर, एमबीएस हॉस्पिटल में 5 साल की बच्ची के आतिशबाजी से झुलसने का केस आया।
चली गई आंखों की रोशनी
कोटा के विभिन्न चिकित्सालयों में दिवाली पर आतिशबाजी की चपेट में आकर घायल होने के 60 केस आए हैं। जिनमें लोगों की आंखें जख्मी हो गईं। कई की रोशनी भी चली गई। कोटा के प्रमुख आई सर्जन डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि उनके यहां 17 एेसे केस आए। जवाहर नगर के निजी अस्पताल संचालक वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. सुरेश पाण्डेय ने बताया कि उनके पास आतिशबाजी से आंखों की रोशनी कम होने के तीन केस सामने आए हैं। इसके अलावा एमबीएस में 10 कोटा आई में 15 डीडी नेत्र संस्थान में 3 तथा अन्य अस्पतालों में 12 मामले एेसे सामने आए हैं। रोगियों में कई की दोनों आंखों पर असर आया है।
Published on:
22 Oct 2017 08:55 am
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