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A Journey of Hanging Bridge: हादसों के धरातल पर संभलकर खडा़ हुआ हैंगिंग ब्रिज

कोटा के इतिहास में 27 अगस्त 2017 तारीख द‍र्ज हो गई है। सालों की मेहनत और लम्बेे इंतजार के बाद आखिरकार हैंगिंग ब्रिज धरातल पर आ ही गया।

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हैंगिंग ब्रिज धरातल पर आया

हैंगिंग ब्रिज काे सपनों से धरातल तक लाना आसान नहीं था। इसमें सालों की मेहनत, कदम-कदम पर आती परेशानियां, शहरवासियों के प्रयास और करीब 4 दर्जन लोगों की आहुतियों का समावेश है। इन्ही उधेड़-बुंद के चलते 40 माह में बनने वाले हैंगिंग ब्रिज काे पूरा होने में 9 साल का वक्त लग गया। तमाम मुसीबतों के बाद भी ब्रिज की खूबसूरती में कोई कामी नहीं है। संभवता भविष्य में यह हैंगिग ब्रिज कोटा के इतिहास की अनुपम धरोहर के रूप में जाना जाएगा।

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हैंगिंग ब्रिज की निर्माणगाथा का सफर

ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर परियोजना के तहत जब 26 किमी लम्बे बाइपास पर चम्बल नदी पर केबल स्टे ब्रिज बनाना तय हुआ तो इसे 40 माह में पूरा करने का लक्ष्य था। निर्माण कंपनियों के संयुक्त उपक्रम के साथ 2006 में कॉन्टे्रक्ट होने के बाद निर्माण शुरू होने की तिथि से मार्च 2010 तक इसे पूरा किया जाना था। चम्बल नदी पर निर्माणाधीन पुल गिरने से एक पल में दो साल का कार्य जमींदोज हो गया। इसके बाद निर्माण कंपनियों ने कार्य बंद कर दिया।

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7 सांसदों ने निर्माण शुरू करने का आग्रह किया

मई 2014 तक पुल निर्माण का कार्य रुका रहा। इस दौरान केन्द्र और राज्य में सरकारें बदल गई। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के एक सप्ताह बाद ही 21 मई 2014 को सांसद ओम बिरला की पहल पर सांसद दुष्यंत सिंह, सी.पी. जोशी और सी.आर. चौधरी सहित राजस्थान के 7 सांसदों ने दिल्ली में एनएचएआई के चेयरमैन आर.पी सिंह से मिलकर हैंगिंग ब्रिज का निर्माण कार्य अविलम्ब शुरू करने का आग्रह किया। इसके बाद एनएचएआई चेयरमैन एवं निर्माण कम्पनियों के साथ वार्ता शुरू हुई।

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चेयरमैन ने सुझाए दो रास्ते

ब्रिज के संदर्भ में चेयरमैन ने कहा कि अब दो ही रास्ते हैं, पहला निर्माण कम्पनियों को ब्लैक लिस्टेड कर नए सिरे से निविदाएं आमंत्रित कर कार्य शुरू करवाया जाए। दूसरा यह कि फिर इन्हीं कंपनियों से कार्य कराया जाए। सांसद बिरला ने कहा, निर्माण कार्य कर रही कम्पनियों से ही कार्य करवाया जाए, क्योंकि दोबारा निविदा प्रक्रिया में दो साल का समय लग जाएगाए इससे निर्माण लागत भी बढ़ेगी। वार्ता में एनएचएआई के चेयरमैन के प्रयासों से गेमन इंडिया एवं हुण्डई कम्पनी निर्माण करने के लिए सहमत हुई। इसके बाद बाद जून 2014 में निर्माण पुन: शुरू हुआ।

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सफर की झलकियां

7 नवम्बर 2006 को निर्माण कंपनियों के साथ कॉन्ट्रेक्ट हुआ। 5 दिसम्बर 2007 को निर्माण कंपनियों को साइट उपलब्ध हुई।
6 मार्च 2010 तक पूरा करना था निर्माण। 40 माह में पूरा होना था निर्माण। जून 2017 में पूरा हो सका कार्य। सात राज्यों से जोड़ेगा हैंगिंग ब्रिज। हैंगिंग ब्रिज को बनाने में 48 जनों को अपनी जान गवानी पड़ी।

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अभी भी उदघाटन का इंतजार

जिला कलक्टर ने बताया कि चम्बल नदी पर बना हैंगिंग ब्रिज गुजरात के पोरबन्दर से लेकर आसाम के सिल्चर तक सात राज्यों को जोड़ेगा। उद्घाटन से पूर्व 28 अगस्त को सुबह 6 बजे से ट्रायल के लिए चालू किया गए वाहनों का आवागमन बन्द कर दिया जाएगा। उद्घाटन की औपचारिता के बाद आवागमन शुरू किया जा सकेगा। इससे शहर में होकर गुजरने वाले भारी वाहन सीधे बाईपास होकर जा सकेंगे। हैगिंग ब्रिज से यातायात शुरू होते ही कोटा प्रदूषण एवं दुर्घटना मुक्त शहर की ओर अग्रसर होगा।