
कोटा . पेड़-पौधे हमारे परिवार के सदस्य की तरह हैं। इनकी देखभाल करना हम सब का दायित्व है। जब तक हम वृक्षों का ग्रहों से जुड़ा गहरा नाता समझेंगे नहीं तब तक होलिका दहन को समझ पाना मुश्किल है। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक होली के त्योहार पर हरे पेड़-पौधों की बलि चढ़ाना सही नहीं है। होली पर दिखावे के लिए हजारों हरे-भरे पेड़ों की बलि देना अन्याय के बराबर है। होली जलाएं, मगर प्रतीकात्मक रूप से। आप कंडों की होली जला सकते हैं।
Special story : होलिका दहन करने से पहले जरूर पढ़े यह खबर, नहीं तो ग्रह हो जाएंगे आपसे नाराज
ज्योतिषाचार्य शिवप्रकाश दाधीच के अनुसार कोई भी शास्त्र हरे पेड़ को काटने की अनुमति नहीं देता। हरे पेड़ को काटना एक हत्या के समान बताया गया है। दाधीच ने बताया कि हर पेड़ का सम्बन्ध किसी ने किसी ग्रह से होता है। यह जरूरी नहीं की आप होलिका दहन के लिए लकड़ी जलाएं, बल्कि कंडों की होली भी जलाई जा सकती है। इससे वातावरण शुद्ध रहेगा।
इन पेड़ों को काटने से यह ग्रह होंगे नाराज
ज्योतिषाचार्य शिवप्रकाश दाधीच के अनुसार आक व बिल्व पत्र का पेड़ काटने पर सूर्य रूष्ठ होगा। इसी तरह पलाश का पेड़ काटा तो- चन्द्रमा, अनंत मूल या खेर-मंगल, विधारा या आंधी झाड़ा काटने पर बुध की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। केल, भृंगराज, पीपल व बड़ काटा तो बृहस्पति नाराज होंगे। वहीं, नीम, बबूल, बिछोल खेजड़ी काटने से शनि आप से नाराज हो सकता है। चंदन व दोब को नुकसान पहुंचान पर राहु , असगंध व कुषा पेड़ काटे तो केतु की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। हर पेड़ का स्वामी कोई न कोई ग्रह है। इस कारण पेड़ काटने से ग्रह नाराज हो जाते हैं।
इन मुश्किलों में पड़ सकते हैं आप
सूर्य से सम्बन्धित पेड़ को काटने पर श्वसन व फेफड़ों से सम्बन्धित रोग परेशानी, चन्द्रमा मन के विकार, चिंता, अवसाद दे सकता है। मंगल के नाराज होने पर कोई घटना घटने की आशंका रहती है। बुध वाणी को अनियंत्रित व बुद्धि को भ्रमित कर सकता है। बृहस्पति चिंता, परेशानी दे सकता है। शुक्र दाम्पत्य जीवन में खटास,शनि दुर्घटना की आशंका, राहु व केतु रक्तविकार, चर्म विकार, उदर विकार समेत अन्य रोग दे सकता है।
Published on:
30 Jan 2018 08:21 am
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