
कोटा . रंग बरसाती मस्तानों की टोलियां, चंग पर थाप और माहौल में उड़ती गुलाल। कहीं सुर्ख गुलाल से रंगे, कहीं काले-पीले चेहरे और बच्चों का धमाल। एक-दूसरे पर रंग उढ़ेलते युवक। जोर जबरदस्ती तो कहीं टोका-टोकी। नए पुराने मस्ती भरे गीत गूंजते रहे और होली का रंग जमता चला गया।
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शहर में शुक्रवार को कुछ ऐसे ही अंदाज में होली मनाई। लोगों ने एक-दूसरे को रंग व गुलाल लगाई और शुभकामनाएं देकर मुंह मीठा कराया। बच्चे-बूढ़े, युवा सभी होली के रंग में रंगे नजर आए। गुरुवार रात होलिका दहन के साथ ही धमाल-चौकड़ी शुरू हो गई। लोगों ने दिनभर होली खेली। युवा अपने मित्रों के संग समूह बनाकर होली खेलने निकले।
कई तो ढोल की थाप पर नाचते-गाते, 'बुरा न मानो होली है...कहते हुए रंग गुलाल उड़ाते निकले। रंग-बिरंगे चेहरों में अपनों को पहचानना भी मुश्किल लग रहा था। घर-आगंन, गलियों, सड़कों पर होली की रंगत बिखर रही थी और हर कोई खुशियों के रंग में रंगा हुआ था। बाजारोंं में भी होली की रौनक नजर आई। दिनभर होली खेलने के बाद शाम को मिलने जुलने व शुभकामनाएं देने का दौर चला।
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बच्चों में छाई मस्ती
बच्चों में भी होली का उत्साह देखते ही बना। सुबह उठते ही उन्होंने रंग, गुलाल, पिचकारी थाम ली। इसके साथ ही वे होली की मस्ती में रम गए। हाथों में पिचकारी थामें इधर-उधर दौड़ते-भागते, एक-दूसरे को रंगते रहे।
रंग मत डाल रे कान्हूड़ा
होली के मौके पर मंदिरों में संकीर्तन परिक्रमा निकाली। परिक्रमा तलवंडी स्थित राधाकृष्ण मंदिर से शुरू हुई। इसमें श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। बांके बिहारी के रंगे श्रद्धालुओं ने जमकर होली खेली। यात्रा के दौराना भजन गायकों ने आज बिरज में होरी रे रसिया....,रंग मत डाल रे कान्हूड़ा...,मस्त महिना फाल्गुन का....Ó सरीखे भजनों से श्रद्धालुआंें को मंत्रमुग्ध किया। लोग रंग-गुलाल व फूलों से होली खेलते नजर आए।
Updated on:
02 Mar 2018 03:01 pm
Published on:
02 Mar 2018 02:57 pm
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