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दिल्ली में होगा कोटा में ट्रिपल आईटी चलाने का फैसला

अधरझूल, प्रदेश की मंजूरी के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने गठित की समितिकमेटी की रिपोर्ट के बाद होगा फैसला, सरकार ने विधानसभा में दी जानकारी

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कोटा

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Rajesh Tripathi

Feb 11, 2019

kota news

दिल्ली में होगा कोटा में ट्रिपल आईटी चलाने का फैसला

कोटा. एमएनआईटी जयपुर में चल रही कोटा ट्रिपल आईटी की कक्षाएं राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) में लगेंगी या नहीं? इसका फैसला मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की निरीक्षण समिति करेगी। प्रदेश सरकार से इस बाबत प्रस्ताव मिलने के बाद मंत्रालय ने इस समिति का गठन किया है।
पंद्रहवीं विधानसभा के पहले सत्र में केशवराय पाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने तारांकित प्रश्र के जरिए कोटा ट्रिपल आईटी की स्थापना और प्रगति के बारे में सरकार से जानकारी मांगी थी। प्रश्न के के जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि कोटा में ट्रिपल आईटी की घोषणा होने के बाद भवन निर्माण के लिए 100.37 एकड भमि ग्राम रानपुर में आवंटित की जा चुकी है। जिस पर सीपीडब्ल्यूडी बाउण्ड्री वॉल और साईकिल ट्रेक का निर्माण करा चुकी है।

भवन निर्माण की 50 फीसदी राशि केंद्र, 35 फीसदी राशि राज्य और 15 फीसदी राशि इंडस्ट्री पार्टनर को वहन करनी है। राज्य सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 6.11 करोड का प्रावधान कर अपने हिस्से की राशि निदेशालय तकनीकी शिक्षा के खाते में हस्तांतरित कर दी है। भारत सरकार ने 8.595 करोड एवं इंडस्ट्रीन पार्टनर ने 12.80 करोड की अपनी हिस्से की राशि भी उपलब्ध करवा दी है। भवन निर्माण सीपीडब्ल्यूडी द्वारा कराया जाना है जिसके लिए आगामी कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

पढ़ रहे हैं 430 विद्यार्थी

उन्होंने बताया कि कोटा ट्रिपल आईटी के दो पाठ्यक्रमों कम्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की कक्षाएं जुलाई 2013 से ही एनएनआईटी जयपुर में चल रही हैं। दोनों पाठ्यक्रमों में फिलहाल 430 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।

एमएचआरडी करेगा फैसला

तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने सवाल के जवाब में बताया कि प्रदेश सरकार ने ट्रिपल आईटी की कक्षाएं जयपुर की बजाय कोटा में ही शुरू कराने का फैसला किया था। जब तक संस्थान का भवन बनकर तैयार नहीं होता तब तक कक्षाएं आरटीयू के पैट्रोलियम इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के नवनिर्मित भवन में संचालित कराने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) को भेज दिया है। जिस पर फैसला लेने के लिए मंत्रालय ने एक समिति गठित कर दी है। जो आरटीयू का निरीक्षण करने के बाद इस बाबत निर्णय लेगी।