30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Kota News: कोटा में हैंगिंग ब्रिज पर गोरक्षकों ने रोका वसुंधरा राजे का काफिला, 20 मिनट तक जाम, जानें मामला

हैंगिंग ब्रिज के पास गोरक्षकों और बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काफिले को रोककर विरोध जताया। मृत गायों के निस्तारण को लेकर नाराज कार्यकर्ताओं ने करीब 20 मिनट तक काफिला रोके रखा।

less than 1 minute read
Google source verification

कोटा

image

Rakesh Mishra

Dec 28, 2025

Former CM Vasundhara Raje, Former CM Vasundhara Raje convoy, Vasundhara Raje convoy stopped in Kota, Kota News, Rajasthan News

कार्यकर्ताओं से बातचीत करतीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे। फोटो- पत्रिका

कोटा। कोटा-चित्तौड़गढ़ नेशनल हाईवे पर हैंगिंग ब्रिज के पास उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब गोरक्षा से जुड़े संगठनों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काफिले को रोक दिया। यह घटनाक्रम दोपहर को हुआ, जब कार्यकर्ताओं ने करीब बीस मिनट तक काफिले को आगे बढ़ने नहीं दिया।

व्यवस्था को लेकर नाराज

जानकारी के अनुसार गोरक्षक शहर में मृत गायों के निस्तारण की व्यवस्था को लेकर नाराज थे और इसी मुद्दे को लेकर पदयात्रा निकाल रहे थे। इसी दौरान झालावाड़ से जयपुर जा रहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का काफिला वहां पहुंचा, जिसे प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया। कार्यकर्ताओं ने मौके पर अपनी समस्याएं रखीं, जिस पर वसुंधरा राजे ने उनकी बात गंभीरता से सुनी।

त्वरित कार्रवाई के निर्देश

पूर्व मुख्यमंत्री ने वहीं से जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर मामले में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। इस दौरान कुछ समय के लिए नेशनल हाईवे पर यातायात भी बाधित रहा, हालांकि बाद में स्थिति सामान्य हो गई और काफिला आगे रवाना हुआ।

यह वीडियो भी देखें

गोरक्षक संगठनों का आरोप है कि नगर निगम के ठेकेदार मृत गायों को बंदा धरमपुरा क्षेत्र के पास स्थित खाली प्लॉट में खुले में फेंक देते हैं। उनका कहना है कि गायों को सड़कों पर घसीटते हुए ले जाया जाता है, जो न केवल क्रूरता है बल्कि धार्मिक भावनाओं और सांस्कृतिक मूल्यों का भी अपमान है। उनकी मांग है कि मृत गायों का निस्तारण खुले में फेंकने के बजाय धार्मिक परंपराओं के अनुसार जमीन में दफनाकर किया जाए।