
कोटा.
कोचिंग विद्यार्थियों द्वारा की गई आत्महत्या की घटनाओं के मद्देनजर गुरुवार को राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों ने छात्रावास, कोचिंग क्षेत्र तथा बच्चों से जुड़ी संस्थाओं का निरीक्षण किया। खामियां देखीं और दूर करने के लिए कहा। साथ ही सुधार न होने की दशा में हॉस्टल बंद कराने की चेतावनी दी। टीम में आयोग सदस्य एसपी सिह, उमा रत्नु व डॉ साधना सिंह, सा.न्याय एवं अधिकारिता उपनिदेशक राकेश वर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा उपस्थित रहे।
@बाल संस्थाएं-बच्चे अध्यात्म से जोड़ें
आयोग दल सबसे पहले करनी नगर विकास समिति के पालना गृह पहुंचा। पालना बंद था। इस पर सदस्यों ने संस्था प्रतिनिधियों को स्थिति सुधारने के निर्देश दिए। शिशु गृह में बच्चों से बातचीत की। सदस्य एसपी सिंह, उमा रत्नु ने व्यवस्थापक से कहा कि बच्चों को अध्यात्म से जोडऩे जैसी गतिविधि भी करवाएं। इसके बाद टीम ने किलकारी बाल गृह पहुंची, संस्था का पंजीकरण शिशु गृह के रूप में कराने को कहा, सदस्य बच्चों से भी मिले। दल ने मूक बधिर विद्यालय बाधित विकास केंद्र छात्रावास का निरीक्षण किया, बच्चों के खाने और रहने की व्यवस्थाएं देखी। वार्डन को पढ़ाई में आयोग की मदद लेने की सलाह दी।
@पुलिस थाने-बनवाई बाल डेस्क
थानों में बच्चों की सुनने वाला कोई नहीं। न ही कोई इनकी शिकायतों से सम्बन्धित रजिस्टर। आयोग दल के निरीक्षण में यह सामने आने पर टीम ने आपत्ति जताई और अपने सामने ही बाल डेस्क व बाल रजिस्टर बनवाए। आयोग दल ने विज्ञान नगर में थानाधिकारी से उनके क्षेत्र में हॉस्टल्स में रह रहे बच्चों का डाटा जाना और आत्महत्या के प्रकरणों की जानकारी ली। जवाहर नगर थाने के हालात भी कुछ ऐसे ही दिखे। यहां भी बाल डेस्क नहीं मिली। टीम ने इन्हें बनाने के निर्देश दिए साथ ही चाइल्ड लाइन से जुड़े उपयोगी नंबरों की सूचना थाने में लगवाने
को कहा।
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देखा दिवंगत छात्रा का कक्ष
आयोग दल ने प्रज्ञा रेजीडेंसी में सुविधाओं का जायजा लिया तथा गत दिनों छात्रा नीरज कुमारी द्वारा आत्महत्या वाले कक्ष का निरीक्षण भी किया। कक्ष में पढ़ाई के स्लोगन लिखे हुए थे। परिसर में साफ-सफाई की कमी भी नजर आई। वॉश बेसिन टूटी हुई थी। कक्ष के बाहर कपड़े फैले थे। टीम ने हॉस्टल मालिक को सुधार की कड़ी हिदायत दी।
सहम गई छात्रा
रेजीडेंसी में निरीक्षण के दौरान सदस्य एक कक्ष में गए तो वहां उपस्थित बालिका सहम गई। वह घबराई हुई कहने लगी, आप हमसे क्या पूछ रहे हैं। इस पर आयोग की सदस्य ने उसे समझाया।
...तो हॉस्टल कर देंगे बंद
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य एसपी सिंह का कहना है कि हॉस्टल्स में मिली कमियों को देखकर एक गाइड लाइन तैयार की जाएगी। गाइड लाइन अभी भी है, लेकिन इसमें और सुधार करेंगे। कहीं कोई खामी नजर आएगी तो पहले चेताएंगे। इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ तो हॉस्टल को बंद करने की कार्रवाई करेंगे।
Updated on:
19 Jan 2018 08:13 am
Published on:
19 Jan 2018 08:03 am
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