
अवैध वसूली
झालावाड़ के रायपुर में एसीबी द्वारा दबोचे गए परिवहन निरीक्षक की दलालों के साथ तगड़ी दबंगई थी। ट्रक चालक को बिना अवैध वसूली जाने ही नहीं देते। रकम न देने पर माल की बिल्टी व गाड़ी के कागजात छीन लेते। दो-तीन दिन इतना परेशान करते कि चालक जेब भर ही जाते। सोमवार रात दबोचे जाने के बाद अलवर के दो पीडि़त ट्रक चालकों द्वारा एसीबी में दी गई शिकायत में यह खुलासा हुआ है। चार दिन पहले रायपुर चेक पोस्ट पर निरीक्षक धारासिंह ने उनके ट्रक रोककर 4-5 हजार रुपए मांगे। तीन दिन तक झालावाड़ व रायपुर के चक्कर लगवाए। उसके पकड़े जाने पर दोनों ने एसीबी में उसके खिलाफ शिकायत दी तब कागज मिले।
मारपीट की और अपशब्द कहे
अलवर निवासी पीडि़त ट्रक चालक जुबेदिन खान ने बुधवार को 'पत्रिका' से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि वह हैदराबाद से दिल्ली तक टायर ले जा रहा था। शनिवार को रायपुर चेक पोस्ट पर परिवहन विभाग के दलालों ने ट्रक रोका और चार हजार रुपए मांगे। उसने गाडीं अंडरलोड बताई तो दलाल ने मारपीट की। निरीक्षक धारासिंह से मिला तो बोले 4 हजार देने पर ही कागज मिलेंगे। आखिर, रात को 3500 रुपए दिए। सोमवार को जब चेकपोस्ट पर चालान कटवाने गया तो कागज झालावाड़ कार्यालय में होने का बताया।
हो रहीं कई परेशानियां
वहां गया तो बताया कि कागज नहीं आए, धारासिंह से ही मिलो। वापस रायपुर आया पर कागज नहीं मिले। रात को एसीबी ने धारासिंह को पकड़ लिया। एसीबी में शिकायत पर कागजात मिले लेकिन लाइसेंस अभी भी परिवहन कार्यालय में है। जुबेदिन ने बताया कि गाड़ी तीन दिन बाद दिल्ली पहुंची। माल देरी से पहुंचाने पर डेढ़ हजार रुपए रोज के हिसाब से 4500 रुपए जुर्माना लगा। उसने आरोप लगाया कि झालावाड़ में भवानीमंडी समेत 4 जगहों पर तथा कोटा के सुकेत में वसूली होती है।
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लाखों का माल, रात में कैसे रोकें गाड़ी
अलवर के ही दूसरे ट्रक चालक हारुन खान ने बताया कि वह भी हैदराबाद से दिल्ली टायर ले जा रहे था। शनिवार को रायपुर चेक पोस्ट पर परिवहन विभाग के दस्ते ने हाथ दिया तो गाड़ी कुछ दूरी पर जाकर रोकी। इससे निरीक्षक धारासिंह नाराज हो गए। गाड़ी अंडरलोड होने के बावजूद 5 हजार रुपए मांगे। इनकार किया तो दलाल ने गाड़ी में चढ़कर कागजात निकाल लिए और सोमवार शाम तक नहीं दिए। एसीबी ने रात 10 बजे बाद कागजात दिलवाए।
रात 11 से 5 बजे तक अवैध वसूली
चालक हारुन ने बताया कि दलाल रात 11 से सुबह 5 बजे के बीच मिलते हैं। वे कभी जंगल में तो कभी अंधेरे रास्ते में गाड़ी रुकवाते हैं। तुरंत गाड़ी नहीं रोकें तो मारपीट करते है। उसके ट्रक में 15 लाख रुपए का माल था। जंगल में गाड़ी रोकने पर लूट का खतरा रहता है।
100 से 500 रुपए तक परेशानी नहीं
ट्रक चालक कहते हैं कि सालों से ट्रक चला रहे। पहले दस्ते वाले 50 से 100 रुपए लेते थे। अभी भी बेकार परेशानी से बचने के लिए सभी ट्रक चालक 100 से 500 रुपए तक देते हैं। लेकिन 4 से 5 हजार रुपए की गुजायश नहीं होती है।
Updated on:
12 Oct 2017 12:11 pm
Published on:
12 Oct 2017 12:01 pm
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