
कोटा . सुप्रीम कोर्ट द्वारा बजरी खनन पर रोक के आदेश प्रदेश में बेअसर हैं। यहां रोक के बावजूद रेत का खनन और परिवहन भी हो रहा है। एक तरफ बजरी की कमी से सरकारी काम ठप पड़े हैं। वहीं नदी पार क्षेत्र में हॉस्टल और बहुमंजिला इमारतें दिन-रात बढ़ती जा रही हैं। बजरी के अवैध खनन और परिवहन का ये गोरखधंधा रात के अंधेरे में जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से चुपचाप बखूबी चल रहा है। शिकायतों के बाद राजस्थान पत्रिका टीम ने इस गोरखधंधे की पड़ताल की। शहर में यह बजरी भीलवाड़ा, जहाजपुर, टोंक से आ रही है और शहर के कई इलाकों में सप्लाई हो रही है।
मुखबिरी में रातभर दौड़ते हैं वाहन
शनिवार रात नदीपार क्षेत्र में रेत के ट्रक खाली होने की सूचना पर पत्रिका टीम ने निगाह रखी। लैंडमार्क सिटी में बजरी का एक ट्रक बीच सड़क पर खाली हो रहा था। जैसे ही फोटो क्लिक किया तो वहां पर खड़े कुछ लोगों ने अन्य स्थानों पर खाली हो रहे बजरी के ट्रक मालिकों को आगाह कर दिया। इसके बाद टीम अन्य जगहों पर गई तो रेत माफिया के मुखबिर लग्जरी वाहन से पीछा कर दूसरे ट्रक चालकों को आगाह करते रहे।
तीन विभाग जिम्मेदार
खनन विभाग : अवैध खनन पर रोक लगाने की जिम्मेदारी
परिवहन व पुलिस विभाग : बजरी के अवैध परिवहन पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी
तीन विभाग की आंखों में धूल झोंककर खनन माफिया बजरी का अवैध खनन और परिवहन कर चांदी कूट रहे हैं।
पुलिस आती है, मिलकर चली जाती है
नदीपार क्षेत्र में लैंडमार्क सिटी, लक्ष्मण विहार, पाŸवनाथ नगर और चंचल विहार समेत एक दर्जन से अधिक स्थानों पर रात में बजरी के ट्रक खाली होते मिले। जैसे ही बजरी लेकर ट्रक पहुंचा, उसके साथ ही कुन्हाड़ी थाने से चेतक 5 (गश्त) आ पहुंची। पुलिसवाले जीप से उतरे, ट्रक वालों के पास रुके और फिर निकल गए। चेतक 5 के बाद कुन्हाड़ी थाने की जीप आई और ट्रक वालों से मिलकर निकल गई।
Updated on:
29 Jan 2018 12:03 pm
Published on:
29 Jan 2018 07:59 am
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